BBAU यानी बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजन को लेकर शुरू हुए विवाद में नया टर्न आ गया हैं। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने धरने पर बैठे छात्रों के दबाव में आकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने संघमित्रा छात्रावास की 3 स्टूडेंट्स को हॉस्टल से निलंबित कर दिया।
इस बीच बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजन को लेकर छात्राओं के निलंबन की खबर से स्टूडेंट्स में भारी आक्रोश दिखा। शुक्रवार को बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने कुलपति आवास का घेराव किया। फिलहाल कुलपति आवास के बाहर प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्य प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स को समझा रहे हैं, लेकिन स्टूडेंट्स का धरना जारी हैं। वहीं दूसरा गुट 8वें दिन प्रशासनिक भवन के बाहर धरना दे रहा है। बाबा साहब के अपमान का आरोप लगाते हुए आरोपी स्टूडेंट्स को 6 महीने के निष्कासन की मांग कर रहा है।
गुरुवार को जारी हुआ निलंबन
विश्वविद्यालय के संघमित्रा आवास की प्रशासनिक संरक्षिका ने हॉस्टल की 3 छात्राओं के पेरेंट्स को पत्र भेजकर अपनी पुत्री को घर वापस ले जाने के लिए कहा है। पत्र में लिखा गया कि उनकी पुत्री ने हॉस्टल मैन्युअल का उलंघन किया हैं। चीफ प्रॉक्टर की बैठक में 15 दिन के लिए उसको छात्रावास से बाहर किया जाता हैं। यह भी दलील दी गई हैं कि यह कदम छात्रा के भविष्य को ध्यान में रखकर और विश्वविद्यालय के माहौल को शांत करने के लिए उठाया गया हैं।
बाबा साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप
26 जनवरी को BBAU के संघमित्रा छात्रावास में सरस्वती पूजन का आयोजन हुआ था। बाद में दलित छात्रा ने आरोप लगाया था कि सरस्वती पूजन के दौरान बाबा साहब का अपमान किया गया था। उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। इस घटनाक्रम से आहत होकर विश्वविद्यालय का एक वर्ग प्रशासनिक भवन के सामने आरोपी छात्राओं के खिलाफ एक्शन लेने की मांग करने को लेकर धरने पर बैठ गया। इस बीच विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से प्रॉक्टर बोर्ड ने मोर्चा संभाला और जांच की बात कह कर मामला रफा दफा करने की कोशिश करते रहे। लेकिन, प्रदर्शन कर रहे छात्र नहीं माने। इस बीच जांच में बाबा साहब के अपमान के प्रमाण भी नहीं मिले, लेकिन प्रशासनिक भवन पर छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा।
7 दिन में बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से मामले को लेकर हॉस्टल वार्डन ने यह पत्र जारी करते हुए 15 दिनों के लिए 3 छात्रों को हॉस्टल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस पर दूसरा गुट आक्रोशित हो गया। निलंबन के विरोध में ABVP के छात्र कुलपति के आवास के सामने धरने पे बैठ गए हैं। उनका आरोप हैं कि दलित संघठन ने प्रदर्शन के दबाव में आकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजन करने पर निलंबन कर दिया है। यह सरासर गलत है।
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