SR स्कूल की छात्रा की मौत में हत्या की FIR:पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रीढ़ और पैर की हड्डी टूटी मिली, लखनऊ पहुंचे पिता ने लगाए आरोप

लखनऊ4 महीने पहले
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छात्रा प्रिया के पिता ने स्कूल में हत्या होने की बात कह बीकेटी थाने में पहुंचकर की शिकायत। - Dainik Bhaskar
छात्रा प्रिया के पिता ने स्कूल में हत्या होने की बात कह बीकेटी थाने में पहुंचकर की शिकायत।

लखनऊ में बीकेटी स्थित एसआर स्कूल में आठवीं कक्षा की छात्रा प्रिया राठौर की मौत मामले में पिता की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। सोमवार देर रात उन्होंने हत्या का शक जताते हुए थाने में तहरीर दी थी। पुलिस ने अब हत्या के बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है।

पिता ने स्कूल पहुंचकर दोस्तों से की थी बात
जालौन निवासी जसराम राठौर की बेटी प्रिया स्कूल में आठवीं की छात्रा थी। वह स्कूल के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी। उसका शव शुक्रवार रात संदिग्ध हालात में मिला था। सोमवार को जसराम बेटी का अंतिम संस्कार करके स्कूल पहुंचे। जहां उन्होंने स्कूल और हॉस्टल में जाकर बारीकी से जांच पड़ताल की और उसके साथ के लोगों से बातचीत की। उसके बाद रविवार रात करीब 11 बजे थाने पहुंचे और वहां बेटी की हत्या की आशंका जाहिर करते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की तहरीर थी। एडीसीपी नॉर्थ अभिजीत आर शंकर ने बताया कि तहरीर के आधार पर हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

पिता ने कहा कि स्कूल प्रबंधन की कहानी पर यकीन नहीं, कुछ तो गलत हुआ है बेटी के साथ।
पिता ने कहा कि स्कूल प्रबंधन की कहानी पर यकीन नहीं, कुछ तो गलत हुआ है बेटी के साथ।

कॉलेज प्रशासन के बयान से गहराया हत्या का शक
छात्रा के पिता जसराम और उनके परिजन सोमवार शाम करीब पांच बजे एसआर कॉलेज पहुंचे। उनके साथ पुलिस और कालेज प्रबंधन से जुड़े लोग भी थे। पिता जसराम उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन लगातार बयान बदलता रहा। पहले बताया गया कि प्रिया टहलते समय बेहोश होकर गिर गई। अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बेटी के रीढ़ और पैर की हड्डी टूटने के साथ ही शरीर में चोट के निशान भी मिले। वहीं मौत का कारण शॉक एंड हैमरेज से मौत हुई। जिसके बाद स्कूल प्रशासन कहने लगा कि वह ऊपर से गिर गई। कुछ ऐसा जरूर है जो स्कूल प्रबंधन छिपा रहा है। जिससे साफ है कि बेटी की हत्या हुई है। दोषियों को सजा मिले।

स्कूल प्रबंधन शुरू से ही टहलते हुए गिरने की बात कह रहा था, लेकिन पीएम रिपोर्ट में खुले राज।
स्कूल प्रबंधन शुरू से ही टहलते हुए गिरने की बात कह रहा था, लेकिन पीएम रिपोर्ट में खुले राज।

कैमरे नहीं लगने थे तो वायरिंग क्यों हो रही: परिजन
परिजनों का आरोप है कि जब हॉस्टल के बाहर सीसीटीवी नहीं लग सकते तो वहां कैमरे लगने की वायरिंग क्यों हो रही थी। वहीं अभी तक स्कूल में लगे अन्य कैमरों की फुटेज क्यों नहीं दिखाई गई।
जिससे साफ हो सके घटना से पहले या बाद में वहां क्या गतिविधियां हुई। पुलिस को इस विषय पर भी गंभीरता से जांच करनी चाहिए।

स्कूल की होनहार छात्रा थी प्रिया।
स्कूल की होनहार छात्रा थी प्रिया।

इतने बड़े स्कूल में पुलिस को नहीं मिला एक भी गवाह
शुक्रवार को स्कूल के अंदर छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत हो जाती है और पुलिस को स्कूल में कुछ संदिग्ध नहीं दिखता। वहीं तीसरे दिन हत्या की तहरीर मिलने के बाद मुकदमा दर्ज कर जांच करने की बात कह रही है। जबकि स्कूल में घटना के वक्त करीब 250 बच्चों समेत स्कूल का स्टॉफ मौजूद था। परिजनों ने इसके पीछे पुलिस और प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप भी लगाया है।

कक्षा तीन से इसी स्कूल में पढ़ रही थी
मूल रूप से लखनऊ मास्टर बाग में रहने वाले किसान जयराम राठौर की बेटी प्रिया एसआर स्कूल में कक्षा तीन से (2017) से पढ़ रही थी। पिता जयराम के मुताबिक 8 फरवरी 2021 को प्रिया की प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका मां जयंती का हमीरपुर तबादला होने के चलते 2021 में हॉस्टल में रख दिया। आजकल वह परिवार के साथ जालौन में रह रहे है। सर्दियों की छुट्टी में बेटी घर आई थी। गुरुवार को ही छुट्टी से घर लौटी थी। उसके घर से जाने के करीब 30 घंटे बाद उसकी मौत की खबर आ गई। जिससे पूरा परिवार टूट गया है।

7.47 बजे पिता से हुई थी बात, 9.04 पर आया हादसे का फोन
पिता जयराम राठौर के मुताबिक शुक्रवार शाम 7:47 वार्डन से कहकर अपनी बेटी से बात की थी। फोन पर उसने कुछ कमजोरी महसूस होने की बात कही। इस पर खाना खाकर आराम करने की बात कही। हम लोग खाना खाने की तैयारी कर रही रहे थे कि तभी 9:04 पर वार्डन का फोन आया कि प्रिया गंभीर हालत में कालेज परिसर में स्कूटी के पास पड़ी मिली है। हम लोग लखनऊ के रवाना ही हुए कि जानकारी हुई कि उसकी मौत हो गई है। सुबह 4 बजे के करीब कालेज परिसर पहुंच कर घटना के विषय में जानकारी की। तब उसके साथ रहने वाले बच्चों ने हादसे के विषय में कुछ भी जानकारी होने से इनकार कर दिया। वह एक बड़े कमरे तीन बच्चों के साथ रहती थी। हॉस्टल में बाहरी लोगों का आना-जाना मना था। इसलिए वह खुद कभी हॉस्टल के अंदर नहीं गए थे।

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