ब्रेन हैमरेज के कारण हुई 8वीं की छात्रा की मौत:पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा, रीढ़ और पैर के पंजे की हड्डी टूटी थी, लखनऊ में परिजनों ने नहीं दी तहरीर

लखनऊ4 महीने पहले
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छात्रा प्रिया का शव लेकर परिजन घर चले गए हैं। - Dainik Bhaskar
छात्रा प्रिया का शव लेकर परिजन घर चले गए हैं।

लखनऊ के बीकेटी स्थित एसआर स्कूल के हॉस्टल में 8वीं की छात्रा प्रिया राठौर कैसे और कहां से गिरी इसका पता अभी तक नहीं चल सका है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उसकी रीढ़ और पैर के पंजे की हड्डी टूटी थी। उसकी मौत ब्रेन हैमरेज से हुई।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हॉस्टल वार्डन से लेकर स्कूल प्रशासन के ग्राउंड में टहलते वक्त गिरने के बयान पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिससे साफ है कि स्कूल प्रशासन ने जल्दबाजी में पूरी जानकारी नहीं और बयान जारी कर दिया या फिर वह कुछ छिपा रहा है। पुलिस के मुताबिक, परिजनों ने कोई आरोप नहीं लगाया है। जिससे अभी तक आगे की जांच शुरू नहीं हो सकी है।

परिजन शव लेकर घर लौटे, नहीं की कोई शिकायत

पिता के मुताबिक, घटना स्थल के पास सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।
पिता के मुताबिक, घटना स्थल के पास सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।

मूल रूप से जालौन निवासी जयराम राठौर की बेटी प्रिया एसआर स्कूल से कक्षा आठ की छात्रा थी। जिसका शुक्रवार रात हॉस्टल में ही संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिला था। पुलिस ने शनिवार को शव का पोस्टमॉर्टम कराया। रिपोर्ट में सामने आया कि प्रिया की मौत शॉक एंड हैमरेज से हुई है। उसके दाहिने पैर का पंजा, गर्दन के पास रीढ़ की हड्डी और कमर की हड्डी टूटी थी। जबकि घटना वाले दिन वार्डन साधना ने पुलिस को बताया था कि प्रिया ग्राउंड फ्लोर पर स्थित मेस में रात का खाना खाने के बाद बाहर टहलते वक्त अचानक जमीन पर गिर गई। जिसके बाद अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी मौत हो गई।

वहीं जानकारों का कहना है कि सामान्य तौर पर चलते-चलते जमीन पर गिरने से हड्डियां इस तरह टूटतीं नहीं हैं। जरूर छात्रा ऊंचाई से गिरी है या गिराई गई है। एसीपी बीकेटी अमित कुमावत ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर चले गए हैं। साक्ष्यों का संकलन किया जाएगा। तहरीर मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ पुलिस ने एहतियातन पोस्टमार्टम भी तीन डॉक्टरों के पैनल से कराने के साथ उसकी वीडियोग्राफी कराकर स्लाइड भी बनाई है।

हत्या, आत्महत्या व हादसे के बिंदु पर होनी चाहिए जांच

स्कूल प्रबंधन ने टहलते वक्त गिरने की बात कही, लेकिन यह नहीं बताया कि कहां से गिरी।
स्कूल प्रबंधन ने टहलते वक्त गिरने की बात कही, लेकिन यह नहीं बताया कि कहां से गिरी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ है कि प्रिया की मौत सामान्य नहीं है। हत्या, हादसा और आत्महत्या की आशंका है। परिजनों ने भी पूरे मामले की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यह बात पुलिस जांच में साफ हो सकेगा कि वह ऊंचाई से कूदी है, हादसा है या फिर कुछ और है।

बीकेटी इंस्पेक्टर बृजेश चंद्र तिवारी का कहना है कि स्कूल प्रशासन छात्रा को लेकर अस्पताल पहुंचे थे। उसी दौरान पुलिस को सूचना दी गई थी। पुलिस की टीम सीधे अस्पताल पहुंची थी। बाद में घटनास्थल का निरीक्षण किया गया। इंस्पेक्टर के मुताबिक, परिजनों ने कोई आरोप नहीं लगाए हैं। जो तहरीर मिलेगी उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

कक्षा तीन से इसी स्कूल में पढ़ रही थी

मां के तबादले के बाद से हॉस्टल में रह रही थी छात्रा।
मां के तबादले के बाद से हॉस्टल में रह रही थी छात्रा।

मूल रूप से लखनऊ मास्टर बाग में रहने वाले किसान जयराम राठौर की बेटी प्रिया एसआर स्कूल में कक्षा तीन से (2017) से पढ़ रही थी। पिता जयराम के मुताबकि 8 फरवरी 2021 को प्रिया की प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका मां जयंती का हमीरपुर तबादला होने के चलते 2021 में हॉस्टल में रख दिया। आजकल वह परिवार के साथ जालौन में रह रहे है। सर्दियों की छुट्टी में बेटी घर आई थी। गुरुवार को ही छुट्टी से घर लौटी थी। उसके घर से जाने के करीब 30 घंटे बाद उसकी मौत की खबर आ गई। जिससे पूरा परिवार टूट गया है। 7.47 बजे पिता से हुई थी बात, 9.04 पर आया।

हादसे का फोन पिता जयराम राठौर के मुताबिक, शुक्रवार शाम 7 बजकर 47 मिनट पर वार्डन से कहकर अपनी बेटी से बात की थी। फोन पर उसने कुछ कमजोरी महसूस होने की बात कही। इस पर खाना खाकर आराम करने की बात कही। हम लोग खाना खाने की तैयारी कर रही रहे थे कि तभी 9 बजकर 4 मिनट पर वार्डन का फोन आया कि प्रिया गंभीर हालत में कालेज परिसर में स्कूटी के पास पड़ी मिली है। हम लोग लखनऊ के रवाना ही हुए कि जानकारी हुई कि उसकी मौत हो गई है। सुबह 4 बजे के करीब कालेज परिसर पहुंच कर घटना के विषय में जानकारी की। तब उसके साथ रहने वाले बच्चों ने हादसे के विषय में कुछ भी जानकारी होने से इंकार कर दिया। वह एक बड़े कमरे तीन बच्चों के साथ रहती थी। हॉस्टल में बाहरी लोगों का आना-जाना मना था। इसलिए वह खुद कभी हॉस्टल के अंदर नहीं गए थे।