'सतकर्म परिवार' की ओर से शनिवार को स्वामी प्रसाद मौर्य की शव यात्रा निकाली। जो 1090 चौराहे से भैंसा कुंड तक जानी थी। लेकिन इसे पुलिस ने चौराहे के आगे की रोक दिया। इस दौरान 'सतकर्म परिवार' के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्रा ने मीडिया से बातचीत की।
उन्होंने कहा,"स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिस तरह से रामचरित मानस के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की। वो किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने पवित्र ग्रंथ का अपमान किया। उनकी तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए।"
"कल को कोई कुछ कहने लगेगा"
मनोज कुमार मिश्रा ने कहा," यहां पर दो तरह के संविधान चल रहे हैं। एक अमीरों का संविधान तो दूसरा गरीबों को संविधान। अब तक स्वामी प्रसाद को पकड़ा क्यों नहीं गया। वो बड़े नेता हैं इसलिए ऐसा किया गया। जिस तरह उन्होंने ग्रंथ की चौपाई का अपमान किया। ऐसे कोई भी कल को कुछ भी कहने लगेगा। अगर स्वामी प्रसाद को कोई दिक्कत थी। परेशानी थी। तो विद्वान लोगों से बातचीत कर उसे समझ सकते थे। उनको उसका पूरा सार अच्छे से बता दिया जाता। रावण का भी अहंकार नहीं चल सका था। जबकि वो बहुत बड़ा ज्ञानी था।"
"स्वामी अभी तक अपने बयान पर अड़े हुए हैं"
मनोज कुमार मिश्रा ने कहा,"जब कोई गरीब कुछ कहता है, तो उसे पकड़ लिया जाता है। जिन लोगों ने रामचरित मानस की प्रतियां जलाईं थीं। उनको पकड़ लिया गया। लेकिन, स्वामी प्रसाद मौर्य ने इतनी बड़ी बात कह दी। उनको क्यों नहीं पकड़ा गया। यहां तक की उन्होंने माफी नहीं मांगी। वो अभी तक अपने बयान पर अड़े हुए हैं। सनातन धर्म का आज वो अपमान कर रहे हैं। कल कोई और करेगा। जो हम लोग सहने वाले नहीं हैं। हम लोग सनातन धर्म वालों को जोड़ रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं कि इसमें पिछड़ों का अपमान हुआ है। जबकि ऐसा नहीं है। ये सबको लेकर चलने वाला ग्रंथ है। हमने गोमनी नगर थाने में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ तहरीर दी है। हम 11 फरवरी से लखनऊ में 108 जगह मानस यात्रा कर रहे हैं।"
इस मौके पर कृष्ण देव पाण्डेय, लल्लू दूवे, आशीष सिह, प्रभाकर मिश्र, अजीत यादव, रविन्द यादव,लाल जी कयश्प,संबोध पाल, ओम मिश्र, दीपू भाई, राम गोपाल मिश्र, जगजीवन मौर्य, गौरव सिह, राघव शर्मा, राजन तिवारी मौजूद रहे।
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