लखनऊ को जाम से छुटकारा दिलाने के लिए ट्रैफिक पुलिस रोज एक्शन प्लान बनाने के दावे करती है, लेकिन दूसरे विभागों का सहयोग न मिलने से फेल हो जाता है। ऐसा ही मामला इसबार ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ के बीच चल रहा। पुलिस सवारी गाड़ियों के परमिट रूट की जानकारी मांग रही जो आरटीओ देने को तैयार नही है। इसे लेकर दोनों विभागों में कागजी वार छिड़ गया है।
लखनऊ में ट्रैफिक जाम जितना लोगों के लिए मुसीबत बना है उतना ही पुलिस के लिए भी चुनौती है। इससे निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस ऑटो, टेम्पो और ई रिक्शा जैसे सवारी वाहनों को उनके निर्धारित रूट पर ही चलाना चाहती है। एसपी ट्रैफिक रईस अख्तर का कहना है कि इन वाहनों के कही भी खड़े होकर सवारी चढ़ाने उतारने से जाम की समस्या खड़ी हो रही है। किस गाड़ी को कौन से रूट पर चलने का परमिट जारी है इसकी जानकारी आरटीओ से मांगी गई, जो नही मिल रही है। करीब तीन महीने से पत्राचार हो रहा लेकिन आरटीओ सूचना नही दे रहा।
राजधानी की सड़कों पर दौड़ रहे 41 लाख वाहन
आरटीओ के आंकड़े में लखनऊ में 37228 माल ढोने वाले छोटे-बड़े वाहन चल रहे हैं। 33504 सवारी वाहन चल रहे हैं, जिसमें बसें, टैक्सी कारें, ऑटो, टेंपो और ई-रिक्शे शामिल हैं। 90056 दो पहिया वाहन भी कैब कंपनियां इस्तेमाल कर रही हैं। निजी वाहनों में 1718404 दो पहिया गाड़ियां लखनऊ में रहने वाले इस्तेमाल कर रहे हैं। 364299 कार और जीप रजिस्टर्ड हैं। 35880 कृषि उपयोग के वाहन है जिनका कार्मशल इस्तेमाल की वजह से वह भी सड़कों पर फर्राटा भर रही हैं।
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