बिना हेलमेट के बाइक या बिना सीट बेल्ट लगाए कार चलाने वालों को उनके बच्चे ही टोकेंगे। इसके लिए स्कूल में ट्रैफिक की पाठशाला लग रही है। यातायात माह के तहत चल रहे जागरूकता अभियान में ट्रैफिक पुलिस स्कूली बच्चों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दे रही है।
DCP ट्रैफिक रईस अख्तर के मुताबिक बच्चों की अपील अभिभावकों पर ज्यादा कारगर होती है। यातायात नियमों का उलंघन एक तरफ जनलेवा साबित हो रहा दूसरी ओर लोग इसे शौक बनाते जा रहे हैं। कार चलाते वक्त सीट बेल्ट न लगाना लोगों को रुतबा लगता है। इसी तरह बिना हेलमेट के बाइक चलाना भी लोगों की शौक में सुमार होता जा रहा है। इतनी सख्ती के बाद भी लोग नियमों का पालन नही कर रहे।
बच्चों के जरिए अभिभावकों को रोकने का प्रयास
DCP ने बताया कि लखनऊ के सभी स्कूलों में जाकर ट्रैफिक पुलिस बच्चों को ट्रैफिक नियमों की बेसिक जानकारी दे रही है। उन्हें सीट बेल्ट, हेलमेट लगाने न लगाने से होने वाले नुकसान की जानकारी दी जा रही है। रोड सिग्नल, जेब्रा क्रासिंग, ट्रैफिक सिग्नल और वाहन चलाते वक्त ध्यान में रखने वाले अन्य नियमो के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही बच्चों को सिखाया जा रहा कि वह किस तरह अपने मम्मी पापा या घर के बड़े गार्जियन को इन नियमों का उलंघन करने से रोक सकते हैं।
बचपन से ही नियमों का पालन करने की पड़ेगी आदत
DCP रईस अख्तर के मुताबिक युवा वर्ग सबसे ज्यादा नियम तोड़ता है और हादसे का शिकार बन रहा है। 18 से 25 साल तक युवाओं में ट्रैफिक रूल्स तोड़ने की आदत बन चुकी है। जिन स्कूली बच्चों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जा रही वो 8वीं से 12 क्लास तक के हैं। अभी से जानकारी होने से आगे चलकर ट्रैफिक नियमों का पालन करना इनकी आदत बन जाएगी।
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