यूपी सरकार भले ही कोरोना संक्रमण में गिरावट का दावा कर रही हो, लेकिन मौत के आंकड़े डरावने हैं। यूपी में बीते 4 दिनों में 75 लोगों ने दम तोड़ा है। जबकि 6 जनवरी से लेकर अब तक 156 मरीजों की मौत हुई है। बात नए आंकड़ों की करें तो 25 जनवरी को कोरोना के 11 हजार 583 नए केस मिले हैं। सबसे ज्यादा लखनऊ में 1 हजार 854, गौतमबुद्ध नगर में 1 हजार 46, गाजियाबाद में 845, मेरठ में 375 और कानपुर नगर में 359 मामले सामने आए हैं।
प्रदेश में 24 घंटे में कुल 15 लोगों की मौत हुई है। गाजियाबाद और मुरादाबाद में 2-2 मरीजों ने कोरोना से जान गंवाई है। इसके अलावा लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, वाराणसी, आगरा, सहारनपुर, गोंडा, पीलीभीत, मैनपुरी, औरैया, और कासगंज में 1-1 मरीजों ने कोरोना से दम तोड़ा है। वहीं एक्टिव केस की संख्या 86 हजार 563 हो गई है।
कोविड अस्पताल खाली फिर भी संक्रमितों को भर्ती करने में हीलाहवाली
लखनऊ समेत सूबे के तमाम अस्पतालों में बनाए गए कोरोना वार्ड में बेड अभी भी बड़ी संख्या में खाली हैं। बावजूद संक्रमित मरीजों को भर्ती कराने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। लखनऊ में ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां पुराने लखनऊ के चौक इलाके में रहने वाले गौरव की मां की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उन्हें भर्ती कराने के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ा।
परिजनों का आरोप है कि ICCC यानी कोविड कमांड सेंटर से KGMU में एडमिट कराने के लिए एंबुलेंस भी भेजी गई पर चिकित्सा विश्वविद्यालय में कागजी कार्रवाई के नाम पर भर्ती करने में घंटों लगा दिए गए। वहीं, ACMO डॉ. केडी मिश्रा ने मामले की जानकारी ना होने की बात कही, उन्होंने परिजनों से मामले में बात करने की बात कही। उन्होंने ये भी दावा किया कि लखनऊ में मरीजों की तादाद बढ़ी है पर अभी भी 80 फीसदी के करीब अस्पतालों के कोरोना वार्ड में बेड खाली हैं।
बिना वैक्सीनेशन कराए मिला टीकाकरण सर्टिफिकेट
इस बीच वैक्सीनेशन में भी तमाम खामियां सामने आई हैं। हालांकि, लखनऊ में वैक्सीनेशन तेजी से हुआ है पर अब इससे जुड़ी शिकायतें भी ज्यादा आ रही हैं। लखनऊ के मलिहाबाद में कई लोगों के मोबाइल पर वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज लगने का संदेश पहुंचा। ग्रामीणों ने मलिहाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अधिकारियों से शिकायत की है साथ ही IGRS पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई है।
स्थानीय निवासी मोहम्मद सुलेमान के मुताबिक 20 जनवरी को रात करीब 8 बजे उनके मोबाइल फोन पर वैक्सीन की दूसरी डोज लग जाने का मैसेज आया। साथ ही दूसरी डोज लग जाने का कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट भी मिला। जिसे डाउनलोड करने पर उन्हें पता लगा कि दोनों डोज लग गई है। 21 जनवरी को सुलेमान जब सीएचसी पहुंचे तो उनको बताया गया कि उनका टीकाकरण हो चुका है। जबकि उन्हें टीका नहीं लगा है।
ऐसे हालात तब हैं जब एक दिन पहले ही, 7 साल पहले मर चुकी महिला को टीका लगाने वाले कर्मचारी के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की है। इस कर्मचारी को रविवार को हटा दिया गया। इसके साथ ही बीकेटी की महिला को बिना वैक्सीन लगवाए वैक्सीनेटेड घोषित करने वाले कर्मी को भी हटा दिया गया है।
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