KGMU यानी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में दूसरा गुर्दा प्रत्यारोपण भी सफल रहा। तबीयत में सुधार के बाद सोमवार को मरीज व डोनर को डिस्चार्ज कर दिया गया। मरीज को उसकी पत्नी ने गुर्दा दिया है। डॉक्टरों ने समय-समय पर मरीज की सेहत की जांच कराने की सलाह दी है। कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने गुर्दा प्रत्यारोपण की सफलता पर बधाई दी है।
बिहार स्थित औरंगाबाद निवासी 35 वर्षीय राजन को गुर्दे की गंभीर बीमारी थी। परिवारीजनों ने मरीज को कई अस्पतालों में दिखाया। इलाज से फायदा नहीं हुआ। तबीयत बिगड़ती चली गई। मरीज की डायलिसिस शुरू हो गई। परिवारीजनों ने मरीज को KGMU दिखाया। नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विश्वजीत सिंह ने मरीज को देखा। गुर्दा प्रत्यारोपण की सलाह दी। पत्नी ने गुर्दा देने का फैसला किया था।
डॉ. विश्वजीत सिंह ने बताया कि अब तक में दो लाइव गुर्दा प्रत्यारोपण हुए। दोनों ही प्रत्यारोपण सफल रहे। पीजीआई नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. नारायण प्रसाद, डॉ. उदय प्रताप सिंह और डॉ. तापस ने गुर्दा प्रत्यार ऐप पर पढ़ें सहयोग किया था। उन्होंने बताया कि सोमवार को मरीज व डोनर दोनों की सेहत में सुधार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। समय-समय पर फालोअप पर दिखाने की सलाह दी गई है।
3 लाख में गुर्दा प्रत्यारोपण
डॉ. विश्वजीत सिंह ने बताया कि अब तीसरा गुर्दा प्रत्यारोपण जल्द होगा। इसके लिए कई मरीजों की स्क्रीनिंग व जांच की प्रक्रिया चल रही है। जैसे ही प्रक्रिया पूरी होगी उसके बाद प्रत्यारोपण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में गुर्दा प्रत्यारोपण पर महज तीन लाख रुपए का खर्च आया। इसमें दवाएं और जांच का खर्च शामिल है। वहीं निजी संस्थान में इसका खर्च सात से आठ लाख रुपए तक आता है।
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