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राजधानी लखनऊ के वैभव खंड में रहने वाले रिटायर्ड पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर माधव कृष्ण तिवारी (75 साल) और उनके बेटे गौरव तिवारी (46 साल) ने शुक्रवार रात खुदकुशी कर ली। घटना के समय दोनों घर में अकेले थे। पुलिस को बेटे के पास से तीन सुसाइड नोट मिले हैं। जिसमें एक पत्र पत्नी, दूसरा भाई और तीसरा जीजा के नाम से है।
डॉ. गौरव ने लिखा है कि मेरे जाने के बाद पत्नी को नौकरी दिलवा देना और उसका सारा सामान वापस करवा देना। वारदात के समय घर के बाहर के दरवाजे खुले मिले हैं। डॉक्टर माधव के दूसरे बेटे ने हत्या की आशंका जताते हुए थाने पर तहरीर दी है।
गौरव रायबरेली में था सरकारी डॉक्टर
फर्रूखाबाद के रहने वाले माधव कृष्ण तिवारी (75) लखनऊ में विभूतिखंड थाना क्षेत्र के 4/242 वैभव खंड में रहते थे। वे रायबरेली जनपद से रिटायर हुए थे। उनका बेटा गौरव तिवारी रायबरेली जिले में सरकारी डॉक्टर था। बताते हैं कि पुलिस जब मकान के भीतर गई तो उन्हें दोनों के शव अलग-अलग कमरों में बेड पर मिले। पुलिस के अनुसार दोनों ने घरेलू कलह से तंग आकर जहरीला पदार्थ खाकर जान दी है।
गौरव का बड़़ा भाई दिल्ली में रहता है। दो बहने हैं। जिनकी शादी हो चुकी है और अपने ससुराल में रहती हैं। मां बड़ी बेटी के पास रहती है। पुलिस का कहना है कि परिजनों को सूचना देने के बाद शवों को पोस्टमार्टम हाउस में सुरक्षित रखवा दिया गया है। परिजनों के आते ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने कमरा खंगाला तो पिता के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। लेकिन बेटे के कमरे से तीन सुसाइड नोट मिले। जिसमें लिखा था कि अब नहीं सहा जाता‚ जीना बेकार है। पत्नी के लिए लिखे सुसाइड नोट में डॉ. गौरव ने छोटे भाई निशित को कुछ जिम्मेदारी सौंपी थी। लिखा था कि हम अपनी मर्जी से खुदकुशी कर रहे हैं। तुम परिवार का ख्याल रखना। गौरव ने अपनी पत्नी को सारा सामान दिलाने के लिए भी लिखा है। पत्नी को लिखा कि तुम मेरे जगह नौकरी कर लेना और जीजा से कहा कि आप मेरी पत्नी का सारा सामान वापस करवा देना और भाई निशित की मदद करना।
भाई को भेजा था सुसाइड नोट
विभूति खंड इंस्पेक्टर के मुताबिक गौरव ने शाम को भाई को कॉल किया है। इसके कुछ देर बाद निशित को सोशल मीडिया पर भाई का मैसेज मिला। इसे देखने के बाद उसने जीजा आशीष तिवारी को जानकारी दी। आशीष तिवारी ने पुलिस को बताया कि वह ससुराल पहुंचे और दरवाजा खोलकर अंदर दाखिल हुए थे। दोनों अलग-अलग कमरों में मृत पड़े थे।
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