राजधानी लखनऊ का मंगलवार को अचानक मौसम बदल गया है। सुबह से आसमान में बदली छाई है। दोपहर में हल्की बूंदाबांदी हुई। इससे ठंड बढ़ गई है। धूप न निकलने से लोग घरों में कैद रहे। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए अगले दो दिनों में 18 जिलों में बारिश की संभावना जताई है। अचानक आए मौसम में बदलाव का कारण पश्चिमी विक्षोभ बताया जा रहा है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि लखनऊ, प्रयागराज, अयोध्या, कानपुर, वाराणसी में बूंदाबांदी जारी है। प्रयागराज में अब तक एक सैंटीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है। 14 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है, इससे ठंड बढ़ गई है।
यूपी के इन जिलों में अलर्ट
मेरठ, नोएडा, पीलीभीत, बरेली, हाथरस, बहराइच, सतंकबीर नगर, लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, औरेया, फतेहपुर, प्रयागराज, बलिया, वाराणसी, मऊ, बरेली, आगरा में बारिश होने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। यूपी मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता का कहना है, इन जिलों में बारिश होने की वजह से अचानक ठंड बढ़ेगी। बीते 24 घंटे में सबसे ठंडा शहर 4.7 डिग्री सेल्सियस के साथ यूपी का मुजफ्फरनगर रहा है।
पांच शहर, जहां इतना रहा न्यूनतम तापमान
शहर | न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस) |
मुजफ्फरनगर | 4.7 |
मेरठ | 7 |
बिजनौर | 7 |
सहारनपुर | 8 |
कानपुर नगर | 9 |
जनवरी के पहले हफ्ते में तापमान में होगी गिरावट
यूपी में फिलहाल शीत लहर की संभावना तो नहीं है, लेकिन बारिश के बाद मौसम बेहद ठंड हो गया। इसके अलावा जनवरी के पहले हफ्ते में तापमान में गिरावट दर्ज हो सकती है। दूसरी तरफ प्रदेश के लिए वायु प्रदूषण चिंता का विषय बना हुआ है। यूपी के ज्यादातर शहरों में इस समय वायु गुणवत्ता सूचकांक बहुत खराब है। इसकी वजह से लोग एक तरफ ठंड और कोहरे को झेल ही रहे हैं, अब प्रदूषण और बारिश का भी सामना करना पड़ेगा।
कोहरे की वजह लोगों की चाल हुई धीमी
यूपी में सुबह-शाम लोगों को थोड़ी दूर तक भी दिखाई देना मुश्किल रहा। दिन में भी वाहन चालकों को गाड़ी की लाइट जलाकर चलना पड़ा। वहीं, तापमान में गिरावट के बीच ठंड से ठिठुरते हुए लोग घरों से बाहर कम ही निकले। ठंड की वजह लोगों ने दुकानों और घरों के बाहर आग जलाकर सर्दी से राहत खोजी। सुबह के समय कोहरा इतना घना था कि पांच मीटर की दूरी पर भी कुछ साफ नहीं दिखाई दे रहा था। कोहरे की वजह से वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई। चालक एक दूसरे वाहन के पीछे लाइट के सहारे रेंगते रहे।
पश्चिमी विक्षोभ क्यों आता हैं?
पश्चिमी विक्षोभ कम दबाव वाले क्षेत्र भूमध्यसागरीय क्षेत्र, यूरोप के अन्य भागों और अटलांटिक महासागर में बनता है। क्योंकि अशांत हवाएं भारत में पश्चिम दिशा से प्रवेश करती है इसलिए इन्हें पश्चिमी विक्षोभ कहा जाता है।
पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बन्स भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी इलाकों में सर्दियों के मौसम में आने वाले ऐसे तूफान को कहते हैं जो वायुमंडल की ऊंची तहों में भूमध्य सागर, हिंद महासागर और कुछ हद तक कैस्पियन सागर से नमी लाकर उसे अचानक वर्षा और बर्फ के रूप में उत्तर भारत, पाकिस्तान और नेपाल पर गिरा देता है।
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