लखनऊ के गोमतीनगर स्थिति सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल में न्यू इंडिया एजुकेशन समिट का आयोजन किया गया। इस दौरान स्कूल एजुकेशन सिस्टम में NEP यानी न्यू एजुकेशन पालिसी इम्प्लीमेंटेशन के रोड मैप पर चर्चा हुई।
समिट में शिरकत करने के लिए आसपास के करीब दर्जन भर जिलों के 150 से ज्यादा एक्सपर्ट्स टीचर शामिल रहे। इनमें लखनऊ के अलावा उन्नाव, मिर्जापुर, काशीपुर, वाराणसी, बाराबंकी, टांडा, आगरा, कानपुर, हरदोई, खलीलाबाद, राजनांदगांव, नवसारी, रायबरेली, अयोध्या, प्रतापगढ़, लखीमपुर खीरी, आजमगढ़, बहराइच, गोंडा, सीतापुर, गाजियाबाद, मुरादाबाद से आए टीचर भी रहे।
चाइल्डहुड एजुकेशन सिस्टम को बेहतर बनाने पर जोर
इस दौरान हालिया जारी हुई NCF यानी नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क और EECE यानी एलीमेंट्री और अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन डॉक्यूमेंट पर चर्चा। जिसमें देश के तमाम शहरों से आए एक्सपर्ट्स ने NEP इम्पलीमेंटेशन पर बात कही।
सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल की वाइस चेयरपर्सन अंजलि जयपुरिया ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय ने NEP को लागू करने में NCF-EECE के डाक्यूमेंट्स को अहम बताया। उन्होंने इस बदलाव को लागू कर एजुकेशन सिस्टम को वर्ल्ड पैटर्न पर लाने की अपील की।
समिट में ECA यानी अर्ली चाइल्डहुड एसोसिएशन और APIR यानी एसोसिएशन फॉर प्राइमरी एजुकेशन एंड रिसर्च की अध्यक्ष डॉ. स्वाति पोपट वत्स ने डिजिटल नोट जारी किया। इसके बाद टीचमिंट के आदित्य वेंटका ने इंटीग्रेटेड स्कूल टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म पर एक प्रेजेंटेशन दिया।
समिट के चीफ मेंटर भारत और दक्षिण पूर्व एशिया बर्लिंगटन ग्रुप ऑफ कंपनीज के सीईओ रत्नेश कुमार झा ने NEP 2020 और NCF के डिजाइन और कनवर्जेंस पर बात कही। वही स्कूल की प्रिंसिपल प्रोमिनी चोपड़ा ने बदलते परिवेश में स्कूल एजुकेशन और NEP पर इसके प्रभाव की जानकारी दी।
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