25 PHOTOS में मुलायम का सफर:पहलवानी, टीचिंग और फिर राजनीति; साइकिल से चुनाव प्रचार किया और इसी को बनाया सिंबल
लखनऊ8 महीने पहलेलेखक: आदित्य तिवारी
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया। पहले पहलवानी, उसके बाद टीचिंग के पेशे में आने वाले मुलायम सिंह ने जीवन में कई तरह की मुश्किलें देखीं। वह कई दलों में शामिल रहे और बड़े नेताओं की शागिर्दी भी की। इसके बाद उन्होंने अपना दल बनाया। एक दो बार नहीं बल्कि तीन बार यूपी की सत्ता संभाली। यूपी की राजनीति जिस धर्म और जाति की प्रयोगशाला से होकर गुजरी, उसके एक कर्ताधर्ता मुलायम सिंह भी रहे।
सबसे पहले आपको दिखाते हैं मुलायम सिंह के राजनीतिक सफर की तस्वीरें....
यह तस्वीर मुलायम सिंह यादव की 1955 की बताई जाती है। तब मुलायम सिंह यादव मैनपुरी के जैन इंटर कॉलेज में शिक्षक थे। उस वक्त वह राजनीति में नहीं आए थे।
1987 में चौधरी चरण सिंह की मौत हो गई। लोक दल दो हिस्सों में टूट गया। एक दल चरण सिंह के बेटे अजित सिंह के साथ चला गया। दूसरा मुलायम सिंह के साथ। 1989 में मुलायम ने जनता दल के साथ नाता जोड़ लिया।
मुलायम सिंह को धरती पुत्र कहा जाता है। किसानों में उनकी जबरदस्त पकड़ रही है। किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत से भी मुलायम के अच्छे संबंध थे। दोनों में अक्सर मुलाकात होती रही है।
ये दोस्ती...इस फोटो में राजनीति के चार दिग्गज नेता नजर आ रहे हैं। शरद यादव, मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान।
मुलायम सिंह की चौधरी चरण सिंह के साथ गहरे संबंध रहे हैं। इस फोटो में तब के सूचना राज्यमंत्री सत्यदेव त्रिपाठी भी रहे हैं।
बसपा अध्यक्ष कांशीराम के साथ मुलायम सिंह यादव। मुलायम सिंह ने कांशीराम के साथ गठबंधन किया था। उनकी खास बात रही है कि विरोधियों से भी उनके संबंध मजबूत रहे हैं।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री का स्वागत करते मुलायम सिंह। यह फोटो उस वक्त की है जब मुलायम सिंह कोट-पैंट पहना करते थे। हालांकि, बाद में मुलायम सिंह धोती-कुर्ता में ही नजर आए।
नेल्सन मंडेला के साथ मुलायम सिंह यादव। साथ में हैं यूपी के तब के राज्यपाल सत्यनारायण रेड्डी।
यह फोटो साल 1996 की है। मुलायम सिंह यादव सांसद बने और केंद्रीय रक्षा मंत्री बनाए गए। रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने शहीदों की पार्थिव शरीर घर ले जाने का फैसला किया था। इससे पहले शहीदों की सिर्फ टोपी और बेल्ट उनके घर लाई जाती थी।
भाजपा के समर्थन से 5 दिसंबर 1989 में पहली बार मुलायम मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि, श्रीराम जन्मभूमि का मुद्दा चरम पर था। रथ यात्रा के दौरान मुलायम सिंह से भाजपा के संबंध खराब हो गए।
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव शामिल हुए थे।
फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार और राज बब्बर के साथ मुलायम सिंह यादव।
फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन के साथ मुलायम सिंह यादव।
यह तस्वीर पार्टी स्थापना के पहले अधिवेशन की है। इसमें मुलायम सिंह यादव समेत अन्य नेता मौजूद रहे।
4 अक्टूबर 1992 को समाजवादी पार्टी की नींव रखी गई। सत्ता में काबिज होने के लिए 1993 में मुलायम सिंह यादव ने बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन कर लिया था।
यह तस्वीर मार्च 2017 की है। योगी आदित्यनाथ शपथ ग्रहण समारोह में PM मोदी से मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को मिलवाया था।
आखरी चुनावी जनसभा में जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट से प्रत्याशी लकी यादव के लिए मुलायम सिंह यादव ने वोट की अपील की थी।
- परिवार के लोगों के साथ मुलायम की तस्वीरें दिखाते हैं...
यह तस्वीर मुलायम और उनकी पहली पत्नी मालती देवी की है।
मुलायम अपनी मां मूर्ति देवी के साथ।
मुलायम सिंह और लालू यादव अच्छे दोस्त रहे हैं। बिहार में जो दबदबा लालू का था, यूपी में वही दबदबा मुलायम सिंह का था। बाद में यह दोस्ती रिश्तेदारी में बदल गई।
मुलायम सिंह शुरुआत में चुनाव प्रचार साइकिल से किया करते थे। बाद में उन्होंने अपनी पार्टी का सिंबल भी साइकिल लिया। मुलायम सिंह जब तक स्वस्थ थे वह साइकिल चलाते रहे हैं।
9 जुलाई को मुलायम की दूसरी पत्नी साधना का निधन हुआ था। ये तस्वीर उसी दिन की है।
- अब मुलायम की 2 आखिरी तस्वीरें...
एक अक्टूबर की रात मुलायम को गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। ये तस्वीर 7 अक्टूबर के आसपास ICU की है।
ये तस्वीर 10 अक्टूबर की है। निधन के बाद अखिलेश ने सोशल मीडिया पर शेयर कर लिखा- 'मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे।'
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कल सैफई में मुलायम का अंतिम संस्कार
मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को 8 बजकर 16 मिनट पर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। 82 साल के मुलायम यूरिन इन्फेक्शन के चलते 26 सितंबर से मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। मुलायम की पार्थिव देह सैफई ले जाई जा रही है, जहां मंगलवार को दोपहर 3 बजे उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। यूपी में 3 दिन का राजकीय शोक रहेगा। (यहां पढ़ें पूरी खबर)
मुलायम और साधना की लव स्टोरी, 40 साल पहले हुआ था प्यार
मुलायम सिंह यादव और साधना की लव-स्टोरी 40 साल पहले सैफई के एक अस्पताल से शुरू हुई थी। 9 जुलाई 2022 को साधना का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। उसके बाद मुलायम ने इस लव-स्टोरी को जिंदा रखा। लेकिन आज उसी अस्पताल में ये प्रेम कहानी खत्म हो गई। यानी उसी मेदांता अस्पताल में सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया। (यहां पढ़ें पूरी खबर)
राजनीति के पहलवान मुलायम, मौत से भी दो-दो हाथ
राजनीति में एंट्री करने से पहले मुलायम कुश्ती लड़ते थे। एग्जाम छोड़कर कुश्ती लड़ने चले जाते थे। कवि सम्मेलन में अकड़ दिखा रहे दरोगा को मंच पर ही पटक दिया था। सियासत के भी बड़े अखाड़ेबाज बने, विरोधियों को चित किया। सियासी और निजी जिंदगी आसान नहीं थी, पर लड़ते रहे। मौत सामने आई तो उससे भी दो-दो हाथ किए। ये थे मुलायम सिंह यादव, समाजवादियों ही नहीं.. पूरे देश के नेताजी। (यहां पढ़ें पूरी खबर)