उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 3 या 4 सितंबर को कैबिनेट का विस्तार कर सकती है। इसमें 7 नए मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि इनके नाम तय कर लिए गए हैं। संभावित मंत्रियों की सूची में हाल ही में भाजपा में शामिल होने वाले जितिन प्रसाद और संजय निषाद का नाम शामिल है। योगी सरकार विधानसभा चुनाव से पहले जातीय समीकरण को साधने की कोशिश में है। प्रदेश नेतृत्व ने संकेत दिया है कि संगठन में जिम्मेदारी पाने वालों को कैबिनेट में इस बार मौका नहीं मिलेगा।
इन 9 नाम में से 7 के मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा
1. जितिन प्रसाद: कांग्रेस छोड़ भाजपा जॉइन करने वाले जितिन प्रसाद को MLC बनाने के बाद अब योगी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। शुक्रवार को जितिन प्रसाद ने परिवार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद जितिन प्रसाद ने अपने ट्विटर एकाउंट से फोटो भी शेयर की थी।
2. संजय निषाद: लगातार केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री से भी मुलाकात की थी। इस दौरान सीएम योगी, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन मंत्री सुनील बंसल भी मौजूद थे। कहा जा रहा है कि संजय निषाद को भी विधान परिषद की सदस्यता के बाद योगी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।
3. कृष्णा पासवान: फतेहपुर की खागा सीट से विधायक है। संगठन में उपाध्यक्ष भी रहीं हैं। पासी जाति से आती हैं। कहा जा रहा है कि दलितों में गैर जाटव को जोड़ने के लिए पार्टी इन्हें मौका दे सकती है। इन्हें भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
4. तेजपाल सिंह नागर: गुर्जर समाज से आने वाले तेजपाल पिछले 2 बार से दादरी से विधायक हैं। पार्टी पश्चिमी यूपी में किसानो और गुर्जर समुदाय को साधने के लिए तेजपाल को मौका दे सकती है।
5. सोमेंद्र तोमर: मेरठ के दक्षिणी विधानसभा से विधायक हैं। पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं। पश्चिमी यूपी में गुर्जरों की नाराजगी को देखते हुए पार्टी गुर्जर नेता को मौका दे सकती है।
यह नाम भी चर्चा में...
6. मंजु सीवास
7. एमपी सेंथवार
8. राहुल कोल
9. रवि सोनकर
दूसरी बार मंत्रिमंडल का होगा विस्तार
19 मार्च 2017 को सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को योगी सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। उस दौरान मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे। कोरोना के चलते तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है। हाल ही में राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप की मौत हुई थी, जबकि पहली लहर में मंत्री चेतन चौहान और मंत्री कमल रानी वरुण का निधन हो गया था। पहले मंत्रिमंडल विस्तार में 6 स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को कैबिनेट की शपथ दिलाई गई थी। इसमें तीन नए चेहरे भी थे।
यह है UP के मंत्रिमंडल की संख्या
उत्तर प्रदेश सरकार में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। मौजूदा मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 22 राज्यमंत्री हैं, यानी कुल 54 मंत्री हैं। इस हिसाब से 6 मंत्री पद अभी भी खाली हैं। ऐसे में योगी सरकार अगर अपने कैबिनेट से किसी भी मंत्री को नहीं हटाती है तो भी 6 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। चुनावी साल है इसलिए योगी सरकार कैबिनेट में कुछ नए लोगों को शामिल कर प्रदेश के सियासी समीकरण को साधने का दांव चल सकती है।
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