महराजगंज के नौतनवां विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी की विधायकी जा सकती है। अपहरण के आरोप में लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में सात साल बाद आज फैसला सुनाया जाएगा। दो साल से अधिक की सजा होने पर उनकी विधायकी जा सकती है। मामले में सात साल से न्याय का इंतजार कर रहे ऋषि कुमार पाण्डेय को पूरी उम्मीद है कि उन्हें न्याय के साथ दोषी को सख्त से सख्त सजा मिलेगी। विधायक अमन मणि के साथ दो अन्य आरोपी संदीप त्रिपाठी और रवि शुक्ला भी आरोपी हैं।
क्या है मामला?
गोरखपुर के तिवारीपुर थानाक्षेत्र के अंधियारीबाग उत्तरी के रहने वाले ऋषि कुमार पाण्डेय 5 अगस्त की शाम 6 बजे गोरखपुर से पत्नी शीला पाण्डेय का इलाज कराने के लिए बाई रोड दिल्ली लेकर जा रहे थे। शीला को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी इसलिए वह आक्सीजन सपोर्ट पर थीं। स्कार्पियो में आक्सीजन के सहारे वे ऋषि कुमार पाण्डेय अपनी बहू और दो नतिनी को लेकर लखनऊ पहुंचे थे।
रात करीब 1 बजे लखनऊ आवास विकास मुख्यालय के पास फार्रच्यूनर कार से अमन मणि, गोरखपुर के झंगहा थानाक्षेत्र के राजधानी गांव के संदीप त्रिपाठी और बिछिया के रवि शुक्ला ने स्कार्पियो को ओवरटेक कर रोक लिया। तीनों ने असलहा लहराते हुए ऋषि कुमार पाण्डेय का अपहरण कर लिया। तीन घंटे तक हजरतगंज आवास में रखा। इसके बाद एक लाख रुपए की मांग करने लगे।
जब पुलिस ने घेराबंदी की और दबाव बढ़ा तो आरोपी 6 अगस्त की सुबह करीब चार बजे ऋषि को वीवीआईपी गेस्ट हाउस के पास फेंककर भाग गए। लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में पुलिस ने अपहरण के मामले में विधायक अमन मणि त्रिपाठी, संदीप त्रिपाठी और रवि शुक्ला के ऊपर आईपीसी की धारा 364, 386, 323, 504 और 506 के तहत केस दर्ज किया था। उधर, दिल्ली में ऋषि कुमार पाण्डेय की पत्नी शीला पाण्डेय की एक सप्ताह बाद 15 अगस्त को मौत हो गई।
पीड़ित को न्याय की उम्मीद
अब इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला 30 सितंबर को आने वाला है। इस फैसले के पहले पीड़ित ऋषि कुमार पाण्डेय ने कहा कि उन्हें कोर्ट से पूरी तरह न्याय की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वो इतने साल से इस केस की पैरवी कर रहे हैं। इस मामले की पैरवी के लिए उन्हें कई बार तारीखों पर लखनऊ जाना पड़ा। उन्हें पूरा विश्वास है कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिलेगी।
विधायक पर पत्नी की हत्या का भी है आरोप
बताते चलें कि अमन मणि त्रिपाठी अपनी पहली पत्नी सारा सिंह की हत्या के मामले में भी आरोपी हैं। जिसका केस गाजियाबाद के सीबीआई कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में भी बहुत जल्द फैसला आने की उम्मीद है। अमन को दो साल से अधिक की सजा हुई, तो उन्हें विधायकी से हाथ धोना पड़ सकता है।
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