महोबा। सबसे चर्चित व्यापारी इंद्र कांत त्रिपाठी मौत मामला एक बार फिर चर्चा में है। इस मामले के आरोपी एक लाख रुपये विनमी भगोड़ा आईपीएस मणिलाल पाटीदार अब विजिलेंस जांच में दोषी पाया गया है। इसके बाद उसके ऊपर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है। विजिलेंस जांच में दोषी पाए जाने के बाद अब महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश को भी शासन ने मंजूरी दें दी है।
सिफारिश को मिली मंजूरी
आपको बता दें कि बुंदेलखंड के महोबा में वर्ष 2020 में तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर व्यापारी के ₹6 लाख की रिश्वत मांगने के मामले में अब विजिलेंस टीम की जांच में दोषी पाए गए हैं। जिसको लेकर शासन ने आईपीएस मणिलाल पाटीदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश को मंजूरी दे दिया है। महोबा की पत्थर मंडी कबरई का विस्फोटक व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी से तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार ने ₹6 लाख की रिस्वत मांगी थी जिसे न देने पर उसे धमकियां मिली थी।
कार के अंदर घायल मिला था व्यापारी
महोबा के कबरई थाना क्षेत्र के खनन व विस्फोटक व्यापारी इन्द्रकांत की 13 सितंम्बर वर्ष 2020 को गोली लगने से कानपुर रीजेंसी में इलाज के दौरान मौत हो गयी थी। जिसके आधार पर इन्द्रकांत के परिजनों ने आरोपी आईपीएस मणिलाल पाटीदार के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। प्रयागराज जॉन के एडीजी प्रेम प्रकाश के निर्देश पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार,कबरई एसओ देवेन्द्र शुक्ला और सिपाही अरुण यादव के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कराया गया था। कबरई कस्बा में बांदा की ओर जाने वाले रास्ते पर एक महंगी कार के अंदर व्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी घायल मिला था। शरीर से बहुत सारा ख़ून निकल रहा था। व्यापारी की गर्दन में गोली लगी थी। व्यापारी को महोबा अस्पताल ले जाया गया था। जहां स्थिति गम्भीर होने पर डॉक्टरों ने उसे कानपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इलाज के दौरान व्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी की मौत हो गई। व्यापारी ने गोली लगने से पहले एक वीडियो वायरल करते हुए तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर आरोप लगाते हुए अपनी जान का खतरा बताया था।
6 लाख की रिस्वत मांगा
वायरल वीडियो में कहा था कि एसपी उससे ₹6 लाख की रिस्वत मांग रहा है। कहा कि लॉकडाउन और कोरोना की वजह से उनके पास इतने पैसे ही नहीं हैं कि वो दे सकें। व्यापारी ने साफकहा कि अगर उनकी हत्या हुई तो उसका जिम्मेदार एसपी मणिलाल पाटीदार होगा। यहीं नहीं वीडियो वायरल होने के बाद ऐसा घटित भी हो गया और इंद्रकांत त्रिपाठी के घायल हालत में मिलने के बाद ही आईपीएस मणिलाल पाटीदार को निलंबित कर दिया गया। उसके खिलाफ धारा 307 के तहत केस दर्ज किया गया। व्यापारी की मौत के बाद केस में धारा 302 (हत्या) जोड़ दी गई थी। मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया जिसने कहा कि इंद्रकांत त्रिपाठी ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मारी थी। लेकिन उत्पीड़न और दबाव के पक्ष को देखते हुए SIT ने मणिलाल पाटीदार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर दिया।
FIR दर्ज करने की सिफारिश को मंजूरी
एसआईटी द्वारा एक प्रेस वार्ता कर यह भी बताया गया कि महोबा में एक यूट्यब चैनल में आईपीएस मणिलाल पाटीदार के इशारे पर मृतक इन्द्रकांत को दबाब में लेने के लिए जुआ खेलते एक वीडियो प्रसारित कराया गया था। जिससे मृतक और अधिक अवसाद में चला गया था। मणिलाल पाटीदार के ऊपर पिछले वर्ष ₹1 लाख रूपये का इनाम घोषित किया जा चुका है वो फ़रार चल रहा है और यूपी पुलिस गुजरात और राजस्थान जाकर मणिलाल को अरेस्ट करने के लिए छापेमारी कर रही है लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद अभी तक आरोपी आईपीएस मणिलाल पाटीदार को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। लेकिन अब तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार की मुश्किलें बढ़ने लगी है विजिलेंस टीम ने उसे उक्त मामले में दोषी जांच में पाया है। जिसके आधार पर शासन द्वारा आरोपी आईपीएस लाल पाटीदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश को मंजूरी दी गई है।
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