सपा के समर्थन में मैनपुरी पहुंचे जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव:कहा- मैनपुरी से 2024 के चुनाव में गैर बीजेपी दलों की एकता की शुरुआत,अखिलेश काबिल नेता

मैनपुरी4 महीने पहले
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मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद रिक्त हुई मैनपुरी में सीट पर 5 दिसंबर को मतदान है। ऐसे में सपा और भाजपा दोनों दमदारी से चुनाव मैदान में अपनी-अपनी पार्टियों के प्रत्याशी को जिताने के लिए लगे हैं। ऐसे में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी मैनपुरी पहुंचे। जहां उन्होंने सपा को समर्थन देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जिस दिन भारतीय जनता पार्टी से संबंध विच्छेद किए थे और ग्रैंड एलायंस के पार्टनर बने थे उसी दिन घोषणा किया था कि अब मैं विपक्षी एकता का प्रयास करूंगा।

उसी के तहत हमारी पंचायत लगी थी, हरियाणा में में हमने चौटाला साहब से भी और प्रकाश बादल साहब से भी रिक्वेस्ट किया था। विपक्ष की आधी अधूरी एकता हमें कुबूल नहीं है। हम विपक्ष की संपूर्ण एकता चाहते हैं। मैनपुरी के चुनाव की घोषणा हुई तो हमने सभी विपक्षी दलों से प्रत्याशी नहीं उतारने का स्वागत किया। भारतीय जनता पार्टी भी मुलायम सिंह को ट्रिब्यूट के तौर पर यहां से अपना उम्मीदवार खड़ा न करती। देश की किसी भी राष्ट्रीय पार्टी ने यहां पर अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया। देश की किसी भी रीजनल पार्टी ने अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है। अब ऐसे में उप चुनाव मैनपुरी से 2024 के चुनाव में जो विशाल एकता है, गैर बीजेपी दलों की उसकी शुरुआत है।

जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी
जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी

अखिलेश को काबिल नेता रूप में देखता हूं
शिवपाल यादव द्वारा अखिलेश यादव को छोटे नेताजी से संबोधन करने के अपील को लेकर कहा कि समाजवादी पार्टी के नेताओं को तय करना है कि नेताजी का राजनीति में स्थान खाली हुआ है। उसको कोई नहीं भर सकता है। वह बहुत बड़े थे, अगर समाजवादी पार्टी तय करती है नेताजी की राजनीतिक विरासत अखिलेश यादव जी को मिलनी चाहिए तो हमें वह स्वीकार है। हम उसका आदर करते हैं। मैं अखिलेश को काबिल नेता के रूप में काबिल पुत्र के रूप में देखता हूं।

पदयात्रा के अच्छे नतीजे निकले
वोट बैंक को लेकर के कहा समाजवादी पार्टी और हमारा मोर्चा डॉक्टर अंबेडकर, कांशीराम के पद चिन्हों पर चल रहा है। हम भी उन वर्गों के हितों के लिए आर्थिक सामाजिक और शैक्षणिक उसके लिए हमारी प्रतिबद्धता किसी भी राजनेता दल से कम नहीं है। अपोजिशन को एक करने की बात को लेकर के कहा हम तो बीजेपी के साथ मिलकर कांग्रेस से लड़ने में भी असफल रहे थे और यह एक प्रयोग है राजनीति में। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर के कहा कि पद यात्राएं जिन-जिन महानुभाव ने की है उनके अच्छे नतीजे निकले हैं।

एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों के लिए नहीं
​​​​​​​ईडी की जांच को लेकर के कहा जांच एजेंसियों को जांच करने का अधिकार है। लेकिन जांच एजेंसियों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों के लिए अस्त्र के रूप में नहीं होना चाहिए। शिवपाल सिंह अगर पाला पलट दे तो सारे केस वापस वापस होंगे या नहीं? अजित पवार मुख्यमंत्री बने जितनी भी केस थे उनके खिलाफ 24 घंटे में सारे हटा दिए गए और अब दोबारा फिर शुरू हो गए। इसलिए इसका वेपन के रूप में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। बीजेपी को हटाकर इसे रोका जा सकता है।

जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी।
जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी।

यह मोदी के जमाने की बीजेपी है
​​​​​​​उन्होंने कहा हमें जरूरत किसी और की भी है ममता जी की भी है और जो चुनौतियां हैं इतनी बड़ी है उसको अंडरस्टीमेट किसी भी राजनीतिक दल को नहीं करना चाहिए। यह सारे राजनीतिक दलों के वैचारिक भी और ऑर्गनाइजेशन भी चैलेंज का दौर है। यह जनसंघ नहीं है। जिसके साथ हम काम करते थे। दीवारों पर लिखने के लिए रोगन के पैसे नहीं होते थे। यह वह बीजेपी नहीं है, यह मोदी की बीजेपी है। जिसके पास अथाह साधन है। जिसके पास बेशुमार कार्यकर्ता हैं। पहले मैनपुरी की जीत हमारे लिए बहुत जरूरी भी है और मायने वाली भी है।

सुरक्षा के साथ साथ आवास भी छिनेगा
​​​​​​​शिवपाल यादव को ले करके कहा कि चार दिन पहले सबसे लाडले शिवपाल यादव थे। आज बीजेपी के लिए उनसे बड़ा शत्रु कोई नहीं है। क्या फर्क हुआ है कि उन्होंने अपने परिवार की उम्मीदवार को समर्थन देने का फैसला लिया है। अब रिवर फ्रंट की भी जांच होगी, उनकी जो सुरक्षा की एजेंसी थी वह भी वापस हो गई है। अब जो उनका मकान है कल परसों में वह भी छीनने वाला है। भ्रष्टाचार के आरोप ईडी सीबीआई जो भी है उनके खिलाफ लगने वाली है।

मैं इमरजेंसी में जेल गया था
इस समय इंदिरा गांधी से भी बुरा हाल है। जितने ईडी के केस पिछले 50 साल में नहीं हुए जितनी 8 सालों में हो गए। संस्थाओं का अपहरण और अटैक न करें। उन्होंने कहा कि मैं शिमला गया था कांग्रेस पार्टी के सपोर्ट में वहां कांग्रेस जीत रही है, लेकिन कांग्रेसियों को भी यह भरोसा नहीं है। हमारे कौन-कौन वहां चले जाएंगे ऐसी अनिश्चितता का माहौल कभी भी देश में नहीं रहा। मोदी जी राज कर रहें, करते रहें लेकिन संस्थाओं का अपहरण न करें और संस्थाओं पर अटैक न करें

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