गोवर्धन तहसील के जतीपुरा मुखारबिंद मंदिर सेवायत के लिए 13 लाख के बिल पास कराने को आरएसएस का कार्यकर्ता बनकर एक युवक ने तहसीलदार को फोन कर दबाव बनाने का प्रयास किया। तहसीलदार ने मंदिर के खजाने से गलत बिल पास जारी करने से साफ इनकार कर दिया। तहसीलदार ने इस प्रकरण की जानकारी नगर कार्यवाह को फोन कर दी है। जानकारी के मुताबिक जतीपुरा मुखारबिंद मंदिर का अप्रैल माह का राजभोग सेवा आदि का ठेका 44 लाख रुपये में रिसीवर तहसीलदार मनोज कुमार वार्ष्णेय ने सेवायत रिंकू को दिया था।
सेवा का समय पूर्ण होने के उपरांत सेवायत ने अप्रैल माह में मंदिर की सेवा में खर्चा 13 लाख के बिल रिसीवर तहसीलदार मनोज कुमार वार्ष्णेय को सौंपे गए। शुक्रवार को मनोज कुमार वार्ष्णेय ने बिल पास करने से इनकार कर दिया। इसके बाद आरएसएस स्टूडेंट विभाग का अध्यक्ष बनकर तहसीलदार को फोन कर 13 लाख रुपये के बिल पास कराने का दबाव बनाया। तहसीलदार ने संदेह होने पर नगर कार्यवाह राकेश शर्मा को फोन कर इसकी जानकारी दी।
मंदिर रिसीवर मनोज कुमार वार्ष्णेय ने बताया कि अप्रैल माह में जतीपुरा मुखारबिंद मंदिर की सेवा का ठेका रिंकू के नाम हुआ था। सेवा पूरी होने के बाद उन्होंने 13 लाख रुपये के फर्जी बिल बनाकर पास कराने का दवाब बनाया गया। गलत बिल पास करने से इनकार कर दिया तो श्रीकांत शर्मा नामक व्यक्ति ने आरएसएस के नाम से हम पर 13 लाख के बिल पास कराने का दवाब बनाया गया है। इसकी जानकारी नगर कार्यवाह को दी गई है। आरएसएस विभाग के प्रचारक ने बताया कि श्रीकांत शर्मा नाम का कोई व्यक्ति आरएसएस में नहीं है। कुछ लोग छवि धूमिल करने के उद्देश्य से अधिकारियों को फोन कर रहे हैं। मामला संज्ञान में आया है। इसकी जांच करवाई जाएगी।
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