मथुरा में बार एसोसिएशन के चुनाव पर गर्माया माहौल:वकीलों ने बार ऑफिस पर दिया धरना, कहा- समय से नहीं हुए चुनाव तो करेंगे आत्मदाह

मथुरा2 वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक
चुनाव कराने की मांग को लेकर वकील। - Dainik Bhaskar
चुनाव कराने की मांग को लेकर वकील।

बार एसोसिएशन कार्यालय पर बार के चुनाव समय से कराए जाने की मांग को लेकर धरना शुरू हो गया हैं। धरना दे रहे वकीलों की मांग हैं कि बार के चुनाव समय से कराए जाएं। 31 जुलाई तक नहीं हुआ चुनाव तो बार पदाधिकारियों को नहीं घुसने देंगे। वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता डीपी गुरु ने कहा कि चुनाव समय से नहीं कराए तो वह आत्मदाह करेंगे। इस धरना प्रदर्शन को बार के दो पदाधिकारियों ने अपना समर्थन दिया।

31 जुलाई तक नहीं हुआ चुनाव तो बार पदाधिकारियों को नहीं घुसने देंगे बार में
मथुरा बार एसोसिएशन के कार्यालय के बाहर मंगलवार को आक्रोशित अधिवक्ताओं ने बार के चुनाव समय से कराने को लेकर धरना दिया। नारेबाजी की और यह ऐलान किया अगर बार एसोसिएशन द्वारा 31 जुलाई तक चुनाव की घोषणा नहीं की तो बार के पदाधिकारियों को बार में घुसने नहीं देंगे । धरना स्थल पर बार के पूर्व अध्यक्ष उमाकांत चतुर्वेदी ने कहा कि बार पदाधिकारियों को चुनाव कराए जाने की बात माननी चाहिए। वह बात करेंगे और समस्या का समाधान कराने की पहल करेंगे।

धरना को बार के दो पदाधिकारियों ने दिया समर्थन
धरना स्थल पर बार के संयुक्त सचिव के के यादव एवं ऑडिटर शैलेश दुबे भी पहुँचे । बार एसोसिएशन के इन पदाधिकारियों ने धरना को समर्थन देते हुए कहा की चुनाव समय से होने चाहिए आंदोलनकारियों की मांग जायज है।

समय से नहीं हुए चुनाव तो करेंगे आत्मदाह
धरना स्थल पर मौजूद वरिष्ठ अधिवक्ता डीपी गुरु ने कहा कि चुनाव समय से नहीं कराए तो वह आत्मदाह करेंगे। बार के पूर्व अध्यक्ष उमाशंकर अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष रवि शर्मा ,पूर्व अध्यक्ष महेश्वर नाथ चतुर्वेदी, पूर्व अध्यक्ष इंद्र कुमार वशिष्ठ, पूर्व अध्यक्ष अवधेश सिंह चौहान, पूर्व अध्यक्ष ठाकुर किशन सिंह, पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह आदि अधिवक्ताओं ने चुनाव समय से कराने की मांग की । चुनाव समय पर ना होने पर और बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है ।

बार सचिव ने कहा- सभी निर्णय हो रहे बहुमत से
बार एसोसिएशन के चुनाव समय पर कराए जाने की माँग को लेकर चल रहे धरने को लेकर बार एसोसिएशन के सचिव सुनील चतुर्वेदी ने बताया कि धरने की सूचना बार को नहीं दी और न ही धरने पर बैठे अधिवक्ता संबिधान का पालन कर रहे हैं । बार के सम्बंध में जो भी निर्णय लिए जा रहे हैं वह बहुमत के आधार पर लिए जा रहे हैं ।

खबरें और भी हैं...