श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ब्रज के मंदिरों में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 19 अगस्त को भगवान के आगमन पर उनके स्वागत में कोई कमी न रह जाए इसके लिए सभी व्यवस्थाओं को पूरा किया जा रहा है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर भगवान के लिए आकर्षक पोषाक तैयार कराई गई हैं। इसके अलावा भगवान के शृंगार में बेशकीमती आभूषण भी प्रयोग किए जाएंगे। चार दिनों तक मथुरा में जन्माष्टमी की धूम रहेगी।
जन्मस्थान में हरिकांता पोषाक पहनेंगे भगवान
श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित भगवान भवन में विराजमान भगवान राधा-कृष्ण श्री हरिकांता पोषाक धारण करेंगे। इस दिव्य पोषाक का निर्माण सिल्क, जरी, रेशम से किया गया है। करीब एक महीने में बनकर तैयार हुई यह आकर्षक पोषाक भगवान के लिए खास रूप में तैयार कराई गई है।
कोलकाता, मथुरा के कारीगरों ने तैयार की पोशाक
जन्माष्टमी के लिए खासतौर पर बनाई गई इस खास पोषाक को कोलकाता और मथुरा के 12 कारीगरों ने तैयार किया है। इसे बनाने में एक महीने का समय लगा है। पोषाक में मोर की आकृति की थीम पर लता, पता, वृक्ष, मनोरम बेल आदि कलाकृति बहुत ही कलात्मक रूप से उकेरी गई है। ब्रज के मंदिरों की प्राचीन कला के अनुरूप इस पोषाक को बनाया गया है।
बेशकीमती आभूषण धारण करेंगे भगवान
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया, “लाडले का वैसे तो हर दिन शृंगार आकर्षक किया जाता है। मगर, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर लाडले का शृंगार और भी ज्यादा आकर्षक किया जाता है। इस दिन भगवान को रत्नों से जड़ित बेशकीमती आभूषण पहनाए जाएंगे। जन्माष्टमी महोत्सव के दिन भगवान को ब्रज रत्न मुकुट के अलावा स्वर्ण कंठा, करधनी, हार, हसली, कंठेस्वरी, कुंडल पहनाया जाएगा।
बांके बिहारी को पहनाई जाएगी पीली पोशाक
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर बांके बिहारी जी का भी मनमोहक शृंगार किया जाता है। मंदिर के गोस्वामी श्री नाथ गोस्वामी ने बताया, "जन्माष्टमी पर्व पर भगवान को पीली पोषाक धारण कराई जाती है।" मंदिर के गोस्वामी श्री नाथ गोस्वामी ने बताया, “भगवान बांके बिहारी जी को धारण कराई जाने वाली पोषाक की कीमत नहीं बताई जा सकती। यह भक्त का भाव है कि वह अपने प्रभु को क्या अर्पित कर रहा है।”
रत्न जड़ित आभूषण पहनेंगे भगवान को
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर भगवान बांके बिहारी जी को रत्न जड़ित आभूषण धारण कराए जाएंगे। भगवान बांके बिहारी जी को मोर मुकुट, कौंधनी, बेशकीमती हार के अलावा अन्य आभूषण पहनाए जाते हैं।
मंदिर के पुजारी श्री नाथ गोस्वामी ने बताया, “भगवान बांके बिहारी जी की पोषाक तैयार करने वाले दिल्ली, बेंगलुरु और वृंदावन के कारीगर हैं। श्री नाथ गोस्वामी के अनुसार, वैसे तो भगवान बांके बिहारी प्रतिदिन सुबह शाम आकर्षक पोषाक धारण करते हैं, लेकिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन उनका शृंगार ऐसा होता है कि भक्तों की निगाह ही उनसे नहीं हटती।”
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