अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने की 29वीं बरसी पर आज अयोध्या, काशी, मथुरा में अलर्ट है। शहर में पुलिस के अलावा, पीएसी, आरएएफ और CRPF के जवान तैनात किए गए हैं। हर गतिविधि पर खुफिया विभाग भी नजर बनाए हैं। बता दें कि 6 दिसंबर को मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद में जलाभिषेक और वहां तक पदयात्रा निकालने की कुछ हिंदूवादी संगठनों ने घोषणा की थी। इसके बाद शहर में अलर्ट जारी कर दिया गया। किसी को ऐसे आयोजनों की अनुमति नहीं दी गई।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि किसी भी शहर में कोई नया आयोजन नहीं होगा। रैली, पदयात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। कानून न मानने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मस्जिद में श्रीकृष्ण प्रतिमा स्थापित करने का ऐलान
प्रशासन ने मथुरा शहर को 4 सुपर जोन, 4 जोन और 8 सेक्टरों में बांटते हुए आसमान से लेकर जमीन तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए हैं। 6 दिसंबर को अखिल भारत हिंदू महासभा की अध्यक्ष राजश्री चौधरी ने शाही ईदगाह मस्जिद में भगवान श्रीकृष्ण की छोटी प्रतिमा स्थापित करने और जलाभिषेक का कार्यक्रम था। प्रशासन की सख्ती के बाद उन्होंने कार्यक्रम न करने का ऐलान किया। लेकिन, पुलिस अलर्ट है।
इसके अलावा नारायणी सेना और श्रीकृष्ण निर्माण न्यास ने पदयात्रा निकालने का ऐलान किया था। विभिन्न संगठनों द्वारा की गई घोषणा के बाद प्रशासन ने किसी को अनुमति नहीं दी। शहर में धारा-144 लगा दी। प्रशासन के सख्त रवैए के बाद संगठनों ने अपने कदम पीछे ले लिए। सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए।
मथुरा में 2000 से ज्यादा जवानों ने संभाली सुरक्षा
मथुरा में 145 चेकिंग पॉइंट बनाए गए हैं। आसमान से लेकर जमीन तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। ड्रोन और CCTV कैमरों से श्रीकृष्ण जन्मस्थान, शाही ईदगाह और आसपास के इलाकों में नजर रखी जा रही है। शहर में 5 अपर पुलिस अधीक्षक, 14 पुलिस उपाधीक्षक, 40 इंस्पेक्टर, 1400 कॉन्स्टेबल के अलावा 10 कंपनी PAC और 16 कंपनी RAF तैनात की गई हैं। वहीं, एलआईयू, आईबी भी हर गतिविधि पर नजर रखे है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह की तरफ जाने वाले मार्ग पर ट्रैफिक डायवर्जन लागू कर दिया गया है। मथुरा वृंदावन के बीच चलने वाली ट्रेन और बस भी 7 दिसंबर तक बंद हैं। बाजार खुले हैं, लेकिन शहर में सन्नाटा है।
अयोध्या के SSP शैलेश पांडे ने कहा कि शहर में 6 दिसंबर को कड़ी सुरक्षा की गई है। सुरक्षा व्यवस्था में सिविल पुलिस, पीएससी और कई एजेंसियां लगी हैं। बाहर से आने वाले सभी वाहनों को चेक किया जा रहा है। लोगों से अपील की गई है कि परंपरा से हटकर कोई भी आयोजन न करें। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु के दिखाई देने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें।
काशी में नए आयोजन की इजाजत नहीं
विवादित ढांचा गिराए जाने की बरसी को लेकर वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस अलर्ट मोड पर है। शहर और ग्रामीण क्षेत्र की आबादी वाले इलाकों में रविवार शाम से ही पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। बता दें कि 6 दिसंबर को प्रत्येक वर्ष दालमंडी, हड़हा, बेनिया और इनके आसपास के इलाकों के कई दुकानदार स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद रखते हैं। इन सभी इलाकों में फोर्स को लगातार गश्त करते रहने के लिए कहा गया है।
उधर, पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि किसी भी नए आयोजन की इजाजत नहीं दी गई है। कमिश्नरेट की फोर्स को कहा गया है कि वह अतिरिक्त सतर्कता के साथ ड्यूटी करें। शांति और कानून व्यवस्था को जो कोई भी प्रभावित करने की कोशिश करेगा, पुलिस उसके साथ सख्ती से पेश आएगी।
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