करीब डेढ़ सौ वर्ष पहले मथुरा-वृंदावन के बीच डाली गई मीटर गेज रेल लाइन कुछ सालों में इतिहास बन कर रह जाएगी। इस रेल लाइन का गेज परिवर्तन करने का उत्तर मध्य रेलवे ने फैसला लिया है। रेलवे मथुरा वृंदावन के बीच 12 किलोमीटर के मीटर गेज रेल ट्रैक को परिवर्तित कर ब्रॉड गेज करने जा रहा है। इसके बाद न केवल इस ट्रैक की सूरत बदल जायेगी बल्कि वृंदावन स्टेशन भी बदला बदला नजर आएगा।
12 किमी. है मथुरा वृंदावन के बीच रेल ट्रैक
मथुरा वृंदावन के बीच करीब 12 किलोमीटर का रेल ट्रैक है। इस मीटर गेज को परिवर्तित करने के लिए रेलवे में प्रोजेक्ट तैयार कर लिया है। रेलवे के तैयार प्रोजेक्ट के अनुसार इस ट्रैक के ब्रॉड गेज में कन्वर्ट करने के दौरान 2 आरओबी, 17 आर यूबी के अलावा 23 छोटे ब्रिज भी बनाए जायेंगे। इस ट्रैक पर 6.6 किलोमीटर का एलिवेटेड इंबैंकमेंट ट्रैक रहेगा इसके अलावा 4.5 किलोमीटर लेबल ट्रैक बनाया जायेगा।
4 हॉल्ट और 2 स्टेशन बनाए जाएंगे
मथुरा वृंदावन के बीच गेज ट्रैक कन्वर्ट के बाद यहां 4 हॉल्ट और 2 रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे। मथुरा जंक्शन से शुरू होने वाले इस रेल ट्रैक पर पहला हॉल्ट स्टेशन शिव ताल होगा। इसके बाद श्री कृष्ण जन्मस्थान और फिर मसानी पर क्रॉसिंग रेलवे स्टेशन बनाया जायेगा। यहां से आगे चामुंडा देवी मंदिर के पास और चैतन्य बिहार हॉल्ट स्टेशन होंगे। अंत में वृंदावन स्टेशन टर्मिनल स्टेशन होगा।
जनवरी 2023 में शुरू होगा काम
गेज कन्वर्ट करने का काम 14 जनवरी 2023 से शुरू होगा। 10 चरण में शुरू होने वाले इस गेज परिवर्तन का काम 14 जनवरी 2025 को पूरा होगा। पहला चरण 15 जनवरी से 14 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद अर्थ वर्क और ब्लैंकेटिंग का काम शुरू होगा। यह काम 15 जुलाई 2024 तक चलेगा। इस बीच 14 मार्च 2023 से 30 सितम्बर 2024 तक पुल बनाने का काम भी चलेगा। स्टेशन की इमारत और प्लेटफार्म बनाने का काम भी इसी दौरान चलेगा।
ट्रैक लिंक करने का काम 15 फरवरी 2024 से 30 नंबर 2024 तक चलेगा। रेलवे इस ट्रैक को विद्युतीकरण भी करेगा। यह काम 1 अप्रैल 2023 से शुरू हो कर 15 दिसंबर 2024 तक करेगा। इस दौरान सिगनल और टेलीग्राफ सिस्टम पर भी काम किया जायेगा। इसके बाद टेस्टिंग ,ट्रायल आदि का काम 14 जनवरी 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। यानी 2 साल में गेज परिवर्तन कर रेलवे इस ट्रैक को परिवर्तन कर देगा।
श्रद्धालुओं को मिलेगी राहत
गेज परिवर्तन होने के बाद वृंदावन आने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी। अभी श्रद्धालु मथुरा स्टेशन पर उतरते हैं और उसके बाद वह विभिन्न माध्यम से वृंदावन आते हैं। वृंदावन स्टेशन से लंबी दूरी की ट्रेन शुरू होने से न केवल श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी बल्कि स्थानीय लोगों को भी सहूलियत मिलेगी। मथुरा वृंदावन में करोड़ों श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन करने आते हैं। इस ट्रैक के परिवर्तन के बाद श्रद्धालुओं को जहां राहत मिलेगी वहीं शहर में जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी।
वंदे भारत की तरह की ट्रेन चलाने की है योजना
रेलवे मथुरा वृंदावन के बीच कम कोच की वंदे भारत जैसी ट्रेन चलाने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही वृंदावन स्टेशन से लंबी दूरी की भी कुछ ट्रेन चला सकता है। हालांकि मथुरा वृंदावन के बीच चलने वाली ट्रेन का नाम क्या होगा और इसकी टाइमिंग क्या रहेगी इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। फिलहाल 402 करोड़ 88 लाख के इस गति शक्ति प्रोजेक्ट पर उत्तर मध्य रेलवे ने काम करना शुरू कर दिया है।
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