कोरोना की तीसरी लहर से अब डरने की जरूरत है। अब मास्क और सामाजिक दूरी ही संक्रमण से बचा सकती है। मेरठ में पिछले 4 दिनों में कोरोना से 3 बुजुर्गों की मौत हो चुकी है। तीनों मरीज वो थे जिन्हें वैक्सीन लग चुकी थी। तीसरी लहर के संक्रमण में वैक्सीन भी बेअसर होती दिख रही है। वहीं मेडिकल सहित निजी अस्पतालों में 19 मरीज भर्ती है, इसमें अधिकांश मरीज वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हैं। इसके बावजूद लो इम्युनिटी के कारण इन मरीजों में संक्रमण बढ़ा और अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ गई। शुक्रवार देर रात आई रिपोर्ट के बाद मेरठ में 1038 एक्टिव केस हैं और 405 नए मरीज मिले हैं।
पूरे यूपी में मेरठ में कोरोना से हाईएस्ट डेथरेट
तीसरी लहर में अब तक पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा मौतें कोरोना से अकेले मेरठ में हुई हैं। यहां 4 दिन में 3 कोरोना मरीजों की जान जा चुकी है। तीनों ही मरीज 60 साल से अधिक उम्र के थे। अस्पताल में इलाज के दौरान इनकी मौत हुई। 11 दिसंबर को मेरठ मंडल के गौतमबुध्नगर में कोरोना से पहली मौत हुई। 2 जनवरी को प्रदेश में कोरोना से दूसरी मौत देवरिया में हुई। 4 जनवरी को मेरठ में कोरोना संक्रमित कपड़ा कारोबारी ने सुभारती अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। 7 जनवरी को मेरठ मेडिकल अस्पताल में भर्ती 71 वर्षीय बुजुर्ग और रैनबसेरे में रहने वाले एक बुजुर्ग की मौत कोरोना के कारण हुई है।
क्रॉनिक डिजीज वालों पर कोरोना अटैक
मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियान के अनुसार क्रॉनिक डिजीज पेशेंट में कोरोना का संक्रमण ज्यादा हो रहा है। मेरठ में जो 3 मौतें हुई हैं वो सभी किसी दूसरी बीमारी के शिकार थे, जिन्हें बाद में कोविड हुआ। कपड़ा कारोबारी हायपर टेंशन, अनियंत्रित शुगर का मरीज था, 71 वर्षीय बुजुर्ग हार्ट का पेशेंट था इसी तरह रैनबसेरे में रहने वाले व्यक्ति में भी सीओपीडी की पुरानी बीमारी थी। पुरानी बीमारी के चलते इनकी इम्युनिटी लो हुई और ये लोग कोरोना की चपेट में आए। इलाज के बाद भी सर्वाईव नहीं कर सके। जो 19 मरीज अस्पताल तक पहुंचे हैं उनमें लगभग 7 मरीज ऐसे हैं जो कोरोना के साथ किसी दूसरी बीमारी से ग्रसित हैं।
3 लेयर पीपीई किट में दी जा रही बॉडी
डीएम के बालाजी ने बताया कि कोरोना वैक्सीनेशन को बढ़ाया गया है। मास्क के लिए चालान भी काटे जा रहे हैं। बच्चों का वैक्सीनेशन भी करा रहे हैं। मेडिकल सहित निजी अस्पतालों को अलर्ट किया है, वहां आने वाले हर मरीज की कोविड जांच करा रहे हैं। कोविड मरीज के इलाज के लिए गाइडलाइन को भी लागू कर दिया है। अगर किसी कोविड पेशेंट से ज्यादा फीस ली जाती है तो अस्पताल पर एक्शन लेंगे और कोविड गाइडलाइन के तहत कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार करा रहे हैं। ड्रिपल लेयर किट में बॉडी दी जा रही है।
मौसम और एनसीआर से नजदीकी के कारण बढ़ रहे मरीज
मेरठ और आसपास के जिलों में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने का सबसे बड़ा कारण लगातार बारिश और बढ़ती ठंड के साथ एनसीआर से नजदीकी है। दिल्ली में एयर ट्रेवलर्स का फ्लो ज्यादा होने के कारण विदेशों से काफी लोग यूपी के शहरों में आ रहे हैं। इसकी वजह से वेस्टर्न यूपी के जिलों में कोरोना फैल रहा है। वहीं 20 डिग्री से कम तापमान के कारण कोरोना वायरस हवा में देर तक जीवित रहने के कारण संक्रमण दर बढ़ा रहा है।
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