सावन माह की शिवरात्रि पर आज शहर के प्रमुख मंदिरों पर सुरक्षा का कड़ा पहरा है। कैंट स्थित बाबा औघड़नाथ मंदिर के आसपास सुरक्षा को देखते हुए PAC के अलावा एक कंपनी पैरा मिलिट्री भी लगाई गई है। यहां भारी संख्या में पुलिस फोर्स लगाई गई है। जहां डॉग स्क्वायड व बम निरोधक दस्ता भी चेकिंग कर रहा है।
जलाभिषेक के लिए शिव भक्तों की लाइनें लगी
कैंट स्थित बाबा औघड़नाथ मंदिर जिसे काली पलटन के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थल 1857 की क्रांति का उद्गम स्थल भी है। सावन माह में शिवरात्रि पर यहां 5 लाख से अधिक कांवड़िए जलाभिषेक करते थे। लेकिन कोरोना के चलते साल 2020 व इस वर्ष कावड़ यात्रा नहीं हो सकी। ऐसे में बृजघाट और गंगा के किनारे अलग-अलग स्थानों से शिव भक्त, आम श्रद्धालु औघड़नाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए पहुंचे। आज सुबह 4:00 बजे से ही मंदिर के बाहर और मंदिर परिसर में लाइने लगी रहीं। मंदिर समिति लगातार सोशल डिस्टेंस का पालन करा रही है। परिवार के लोगों की जल चढ़ाने के लिए भीड़ लगी हुई है।
संवेदनशील शील है यह क्षेत्र
कैंट स्थित औघड़नाथ मंदिर का क्षेत्र संवेदनशील क्षेत्रों में है। अधिकांश कावड़ यात्रा, शिवरात्रि पर यहां स्थानीय फोर्स के अलावा पीएसी, RAF और एटीएस की निगरानी में यह मंदिर रहता था। लेकिन इस बार कांवड़ियों की संख्या नहीं है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए यहां एक कंपनी पैरा मिलिट्री के अलावा एक कंपनी RRF भी लगाई गई है। एसपी सिटी विनीत भटनागर लगातार इंस्पेक्टर सदर बाजार विजेंद्र राणा के साथ सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं।
अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की लगी भीड़
औघड़नाथ मंदिर के अलावा सदर बाजार स्थित बाबा बिल्वेश्वर नाथ मंदिर में भी जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है। यह मंदिर सबसे प्राचीन मंदिर है। जिसमें मंदोदरी भी पूजा अर्चना के लिए यहां आती थीं। नवचंडी स्थित दुर्गा मंदिर, गोल मार्केट मंदिर, कोतवाली स्थित शिव मंदिर और अन्य मुख्य मंदिरों में भी शिव भक्त जल चढ़ा रहे हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.