गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों का आज से आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए आयुष्मान 2.0 पखवाड़ा लॉन्च किया है। पखवाड़े के तहत बड़ी संख्या में आशा, एएनएम व स्वास्थ्य विभाग की अन्य टीमें गांव-गांव और शहरी वार्ड में जाकर लोगों का आयुष्मान कार्ड बनवाएंगी। घर के हालात देखने और आवेदन करवाने के तीन दिन के अंदर आयुष्मान गोल्डन कार्ड लाभार्थी को मिल जाएगा। कार्ड बनाने वाले सरकारी कर्मचारी गंभीरता से काम करें इसके लिए सरकार ने प्रति कार्ड 5 रुपए देने का फैसला लिया है।
इस बार कोई शुल्क नहीं लगेगा
पिछली बार आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए लोगों को 30 रुपए का शुल्क देना पड़ा था। इस बार ये बिल्कुल मुफ्त होगा। किसी परिवार से गोल्डन कार्ड का शुल्क नहीं लिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सभी जिलाधिकारियों और सीएमओ को 16 सितंबर से आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान चलाने का निर्देश दिया है। अभियान में अधिक से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुफ्त इलाज के बहाने घर-घर तक पहुंचेगी सरकार
बुखार से तपते यूपी में स्वास्थ्य महकमा को रोजमर्रा की जिम्मेदारी से बढ़कर सरकार ने आयुष्मान कार्ड बनाने का टारगेट दिया है। प्रदेश सरकार की ओर से सभी जिलों को 15 दिन के मेगा कैंप में ज्यादा से ज्यादा लोगों के आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाने का निर्देश दिया है। गांवों में आंगनबाड़ी और आशा बहुओं की टोलियों को उतारकर घरों में भेजा जाए। कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी, बुखार के बीच सरकार का गोल्डन कार्ड पर जोर देने का मकसद साफ है। सरकार चुनाव से पहले हर घर में दस्तक देना चाहती है। अपने अच्छे कामों की लिस्ट जनता को दिखाना चाहती है।
कोरोना के विस्थापितों का भी बनेगा कार्ड
मेरठ के CMO डॉ. अखिलेश मोहन का कहना है इस बार सरकार ने कोरोना महामारी के विस्थापितों को भी आयुष्मान गोल्डन कार्ड देने का आदेश दिया है। जो परिवार कोरोना में एक स्थान से दूसरे स्थान गए उनके भी कार्ड बनाए जाएंगे। CDO शशांक चौधरी ने बताया जिन परिवारों के पास पीएम की आयुष्मान गोल्डन कार्ड वाली चिट्ठी है मगर उनको कार्ड नहीं मिला वो केवल चिट्ठी देखकर उनका कार्ड बनाया जाएगा।
क्या है प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना?
1 अप्रैल 2018 को भारत सरकार ने देश में आयुष्मान भारत योजना लागू की थी। इसका उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को 5 लाख रुपए सालाना तक निशुल्क इलाज की सुविधा देना है। आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना, जो 10 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों) को कवर करेगी। वह हर परिवार के लिए, प्रति वर्ष 5 लाख रुपए के मूल्य के लिए माध्यमिक और तृतीयक स्तर पर अस्पताल में देखभाल के लिए कवरेज प्रदान करती है। योजना का लाभ पूरे देश में लिया जा सकता है। इस योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थी को देश भर के किसी भी सार्वजनिक या निजी अन्तर्गत अस्पताल से कैश-लेस (बिना पैसे दिए) लाभ लेने की अनुमति होगी। केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है।
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