लखीमपुर खीरी में शहीद हुए किसानों की अस्थियों को शुक्रताल में पावन गंगा में विसर्जित किया गया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत सहित अन्य किसानों ने मिलकर शहीद किसानों के अस्थि कलश को शुक्रताल में प्रवाहित किया।
अस्थि कलश को प्रवाहित करते हुए भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि जब तक शहीद किसानों को न्याय नहीं मिल जाता आंदोलन चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन की आगामी रणनीति तय करने के लिए सभी किसान 21 तारीख को दिल्ली में जुटेंगे।
खीरी से यूपी के प्रत्येक जिले को एक-एक कलश
चार शहीद किसानों व एक पत्रकार के अस्थि कलश जिला, मंडल और प्रदेशवार भेजा गया है। उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में शहीद किसान यात्रा निकालने का ऐलान राकेश टिकैत ने किया था। बाकी अन्य राज्यों को एक-एक कलश भेजा जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के स्थानीय पदाधिकारी तय करेंगे कि अस्थियों का विसर्जन क्षेत्रवार कहां-कहां होगा। इन यात्राओं का समापन 24 अक्टूबर को होगा।
यह है अस्थि विसर्जन का धार्मिक महात्मय
मां गंगा श्री हरि के चरणों से निकलीं और भगवान शिव की जटाओं में वास करते हुए पृथ्वी पर आईं। गरुण पुराण समेत कई ग्रंथ-वेद में जिक्र है कि गंगा देव नदी या स्वर्ग की नदी हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने से उस व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है और पवित्र जल के स्पर्श से आत्मा के लिए स्वर्ग के दरवाजे खुल जाते हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.