भीम आर्मी के संस्थापक और बहुजन नेता चंद्रशेखर गुरुवार शाम लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे। जहां सपा कार्यालय पर अखिलेश यादव से चंद्रशेखर की मुलाकात नहीं हो सकी। बताया जा रहा है की विधानसभा चुनाव में चंद्रशेखर समाजवादी पार्टी से गठबंधन के लिए प्रयास कर रहे हैं। सपा और कांग्रेस भी चंद्रशेखर के सहारे अब दलितों को भी साधने का प्रयास कर रही है। चंद्रशेखर कांग्रेस और सपा से लगातार संपर्क में हैं।
अधिक सीट मांग रहे हैं चंद्रशेखर
लखनऊ में सपा कार्यालय पर चंद्रशेखर पहुंचे तो सियासी अटकलें तेज हो गईं। बताया गया है की चंद्रशेखर की पूर्व में सपा मुखिया अखिलेश यादव से वार्ता भी हुई है। चंद्रशेखर अपनी पार्टी के लिए गठबंधन में यूपी 10 सीट मांग रहे हैं। इनमें सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और नोएडा। के अलावा दूसरे जिलों में भी सीटों की मांग की गई है। सपा मुखिया से अभी मुलाकात नहीं हो सकी है। ऐसे में तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। सपा इतनी सीट देने को तैयार नहीं है। ऐसे में चंद्रशेखर कांग्रेस से प्रयास कर रहे हैं।
2014 में भीम आर्मी का गठन किया
चंद्रशेखर आजाद यूपी के सहारनपुर जिले के छुटमलपुर कस्बे के रहने वाले हैं। बहुजन नेता के रूप में पहचान बना रहे चंद्रशेखर पिछले कई सालों से दलितों की आवाज उठा रहे हैं। 2014 में चंद्रशेखर ने भीम आर्मी की स्थापना की।
2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो सहारनपुर में दलित व ठाकुर बिरादरी आमने सामने आ गई। दलितों की आवाज उठाने के लिए चंद्रशेखर ने दलितों का नेतृत्व किया। 15 मार्च 2020 आजाद समाज पार्टी का गठन किया गया। पार्टी बनाने की यह घोषणा कांशीराम की 86 वीं जयंती पर की गई।
योगी सरकार में लगाई गई रासुका
चंद्रशेखर पिछले पांच साल से भाजपा सरकार पर आरोप लगाते रहे हैं कि इस सरकार ने दलितों का उत्पीड़न किया है। दलितों की सुनवाई नहीं हुई। 22 अगस्त 2019 को भीम आर्मी चीफ चंद्र शेखर को दिल्ली में पुलिस ने गिरफ्तार किया। दिल्ली के तुगलकाबाद में रविदास मंदिर गिराए जाने के विरोध में हिंसा फैलाने का आरोप लगा। सहारनपुर में जातीय हिंसा फैलाने के आरोप में पुलिस ने चंद्रशेखर को जेल भेजा था। बाद में रासुका लगाई गई।
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