पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के नेटवर्क को खंगाने में जांच एजेंसी जुटी है। खुफिया विभाग के अलावा पुलिस भी पीएफआई से जुड़े लोगों का नेटवर्क खंगाल रही है। एटीएस और जांच एजेंसी की छापेमारी के बाद गिरफ्तार चारों आरोपी के करीबी भी फरार हैं। यूपी एटीएस की नोएडा और मेरठ टीम ने 22 सितंबर और 23 सितंबर को वेस्ट यूपी के शामली, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद से पीएफआई के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। इनमें ऑल इंडिया इमाम काउंसिल के वेस्ट यूपी अध्यक्ष मोहम्मद शादाब अजीज भी शामिल है।
पीएफआई के चार सदस्यों को किया गया गिरफ्तार
1.मोहम्मद शादाब अजीज कासमी शामली जिले के थानाभवन के गांव सौंटा का रहने वाला है। एटीएस के अनुसार, शादाब अजीज कासमी ऑल इंडिया इमाम काउंसिल क पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष समेत पीएफआई का मेंबर भी रहा है।
2. मुफ्ती शहजाद पुत्र मोहम्मद उमरे गाजियाबाद के मुरादनगर थाना क्षेत्र के नेकपुर गांव का रहने वाला है। मुफ्ती शहजाद पीएफआई यूपी का एडहाक कमेटी का मेंबर भी है। मुफ्ती शहजाद 20 दिसंबर 2019 को हुई सीएए हिंसा में भी शामिल रहा।
3.शामली जिले के कैराना थाना क्षेत्र के मामोर गांव निवासी मौलाना साजिद पीएफआई से जुड़ा होने के साथ मदरसे में भी प्राचार्य भी रहा है। जिससे पास से धर्म विरोधी पुस्तकें बरामद की गईं।
4. मुजफ्फरनगर के फुगाना थाना क्षेत्र के जोगियाखेड़ा गांव के मोहम्मद इस्लाम कासमी को भी गिरफ्तार किया गया।
चारों आरोपी के करीबियों की जांच
एटीएस और जांच एजेंसी अब चारों आरोपियों की के करीबियों की जांच करी है। पूर्व में कब कब यह केरल में हथियारों की ट्रेनिंग के लिए गये। आरोपियों से जो मोबाइल और पेनड्राइव बरामद की है। उसकी भी एटीएस जांच कर रही है। यह भी एटीएस को पता चला है कि कुछ संदिग्ध नंबर मिले हैं, जिनसे सिर्फ व्हाटसएप कॉल पर ही बात होती थीं। जो पुस्तकें बरामद हुई हैं वह देश विरोधी हैं जिन्हें दिल्ली और दूसरे स्थानों से खरीदने का पता चला। वहीं पीएफआई से जुड़ी अन्य सामग्री की भी जांच की जा रही है।
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