मेरठ शहर का मां मंशा देवी मंदिर लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र बना है। यहां दूर दराज से आकर भक्त अपनी अपनी मन्नत मांगते हैं। मां मंशा देवी अपने भक्तों को निराश नहीं करती। नवरात्र में यहां सुबह 3 बजे से ही श्रद्धालुओं की लाइन लगनी शुरु हो जाती है। जहां रात तक भक्त प्रसाद और मां को श्रंगार चढ़ाते हैं।
नवरात्रि पर्व में विशेष मेला
मेरठ शहर से करीब 10 किमी दूर गढ़ रोड पर मेडिकल कॉलेज के सामने मां मंशा देवी का प्राचीन मंदिर है। यहां नवरात्रि के 9 दिनों में विशेष मेले का आयोजन किया जाता है। जिस स्थान पर मां मंशा देवी का मंदिर है सैकड़ों साल पहले कभी शमशान हुआ करता था। पहले यहां कच्ची मिट्टी का मंदिर हुआ करता था। लेकिन मां की कृपा से आज यहां आस्था का सैलाब उमड़ पड़ता है।
प्राचीन है मंदिर का इतिहास
मंदिर के मुख्य पुजारी भगवत गिरी बताते हैं हमारी चौथी पीढ़ी इस समय मंदिर में पूजा पाठ का काम देख रही है। मंदिर का इतिहास बहुत प्राचीन है। यह मंदिर 400 साल से भी अधिक पुराना है। पहले यहां जंगला हुआ करता था, लेकिन आज दूर तक शहर बस गया। नवरात्रि में यहां जो भी भक्त मां मंशा देवी के दर्शन कर मन्नत मांगता है,मां उसकी हर मुराद पुरी करती हैं।
रविवार को किया जाता है भंडारे का आयोजन
मंदिर में मां मंशा देवी, दुर्गा माता, संतोषी माता, काली माता की प्राचीन मूर्ति स्थापित हैं। नवरात्रि में यहां मेरठ हीं नहीं बल्कि वेस्ट यूपी के दूसरे जिलों के भक्त भी प्रसाद चढ़ाने आते हैं। रविवार को यहां भंडारे का आयोजन किया जाता है। संतोषी माता मंदिर की देखरेख करने वाले लक्ष्मण गिरी बताते हैं कि जिसकी भी मुराद पूरी होती है वह भंडारे का आयोजन करता है।
मां की मूर्ति सिद्ध
सरस्वती लोक निवासी आदेश अपनी पत्नी सरिता के साथ यहां हर माह मां मंशा देवी के दर्शन करने जाते हैं। उन्होंने बताया कि यहां जो भी मांगा वह मिला। मां ने कभी निराश नहीं किया। यहां व्रत रखकर पूजा पाठ किया जाता है। हर रविवार को मंदिर में विशेष पूजा अर्चना कर प्रसाद चढ़ाया जाता है। मंदिर समिति के अनुसार यहां स्थापित मां की मूर्ति सिद्ध है, इसीलिए यहां से कोई निराश वापस नहीं जाता। यह मंदिर 2500 मीटर जमीन पर है, जहां अलग अलग देवी देवताओं की 22 मूर्ति स्थापित हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.