मेरठ में बुधवार शाम को चाइनीज मांझे ने स्कूटी सवार की जान ले ली। खून से लथपथ युवक 10 मिनट तक सड़क पर तड़पता रहा। पुलिस घायल को अस्पताल लेकर पहुंची तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। 20 दिन में चाइनीज मांझे से यह दूसरी मौत है।
टीपीनगर थाना क्षेत्र के सरस्वती विहार कॉलोनी के रहने वाले निर्मल (42) पुत्र ओमप्रकाश राज मिस्त्री का काम करता था। बुधवार देर शाम 6.20 बजे निर्मल अपनी स्कूटी पर सवार होकर अपने घर लौट रहा था। रोहटा रोड स्थित जवाहर नगर के पास पहुंचते ही निर्मल चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया। जिस कारण उसकी गर्दन बुरी तरह कट गई। स्कूटी सवार खून से लथपथ हालत में सड़क पर गिर गया।
लोग बोले-किसी ने गर्दन काट दी
शाम का समय था, खून से लथपथ निर्मल को पता भी नहीं चला कि अचानक क्या हो गया। गले में चाइनीज मांझा उलझा हुआ था। आसपास के लोग भी दौड़कर मौके की तरफ भागे। लोगों ने शोर मचाया की किसी ने गर्दन काट दी, खून बह रहा है। युवक के कपड़े खून से सन चुके थे। तभी देखा की पतंग उड़ाने का मांझा गले में लिपटा हुआ है। सूचना पर कंकरखेड़ा पुलिस भी मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली।
अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित किया
कंकरखेड़ा पुलिस खून से लथपथ हालत में घायल निर्मल को जेपी अस्पताल में लेकर पहुंची। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। युवक की मौत का पता चलते ही परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने लगी। वहीं परिजन और आसपास के लोगों ने कहा की मौत तो हो ही गई, अब पोस्टमार्टम क्या कराया जाये।
23 सितंबर को खतौली के युवक की हुई मौत
मेरठ में 20 दिन के अंदर यह दूसरा मामला है। जब चाइनीज मांझे ने युवक की जान ले ली। मोदीपुरम क्षेत्र में रुड़की रोड पर 23 सितंबर को मुजफ्फरनगर के खतौली के रसूलपुर निवासी अजय की चाइनीज मांझे की चपेट में आने से मौत हो गई थी।
नहीं चलाया गया अभियान
चाइनीज मांझे की बिक्री पर प्रतिबंध है। लेकिन उसके बाद भी शहर में चाइनीज मांझा बेचा रहा है। सवाल यह है कि पुलिस प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। यदि प्रशासन अभियान चलाता तो बुधवार को निर्मल की मौत नहीं होती। लेकिन पूरे मामले में सरकारी तंत्र सवालों के घेरे में है।
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