उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले जाट नेताओं के साथ दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुलाकात की। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने जाट समुदाय के साथ 650 साल पुराना रिश्ता बताते हुए कहा कि आपने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, हम भी लड़ रहे हैं। जाट भी किसानों के लिए सोचते हैं और बीजेपी भी। जाट देश की सुरक्षा के लिए सोचते हैं और बीजेपी भी। शाह ने कहा कि यदि कोई शिकायत है, तो उनसे झगड़ा कर सकते हैं, लेकिन पार्टी से कोई नाराजगी ना रखी जाए।
कमल खिलाने के लिए मांगा समर्थन
बुधवार को अमित शाह ने सांसद प्रवेश वर्मा के घर पर जाट समुदाय के बड़े नेताओं से बात की। शाह ने जाट समुदाय से अपना रिश्ता बताते हुए चुनाव में समर्थन करने की अपील की। शाह ने कहा आपने 2014, 2017 और 2019 में साथ दिया, इस बार भी कमल खिलाने में साथ दें।
जयंत चौधरी पर चर्चा
बैठक के बाद प्रवेश वर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'अमित शाह के साथ रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के बारे में जाट नेताओं ने चर्चा की। शाह ने कहा कि अभी जयंत ने पार्टी चुन ली है। चुनाव बाद कई संभावनाएं हैं।'
वर्मा ने कहा कि जाट कम्यूनिटी के लोग जयंत से बातचीत करेंगे। उनके लिए हमेशा भाजपा के दरवाजे खुले हैं। लेकिन उन्होंने गलत रास्ता चुन लिया है। वहीं, बैठक के कुछ देर बाद ही जयंत ने भी ट्वीट करके भाजपा को जवाब दिया। उन्होंने लिखा- न्योता मुझे नहीं, उन +700 किसान परिवारों को दो जिनके घर आपने उजाड़ दिए!!
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि बैठक में शाह ने जाट नेताओं से कहा है कि वोट गलत जगह मत दीजिएगा। जाट भी किसानों के लिए सोचते हैं और बीजेपी भी। जाट देश की सुरक्षा के लिए सोचते हैं और बीजेपी भी। अमित शाह ने आगे कहा कि यदि कोई शिकायत है तो उनसे झगड़ा कर सकते हैं, लेकिन पार्टी से कोई नाराजगी ना रखी जाए।
वहीं, बुलंदशहर के जाट नेता नरेंद्र सरोही ने कहा कि शाह से मुलाकात के दौरान हमने चौधरी चरण सिंह के लिए भारत रत्न और जाटों के लिए आरक्षण की मांग की है। इस पर उन्होंने सकारात्मक आश्वासन दिया है।
पश्चिम यूपी में सपा-रालोद का गठबंधन
दरअसल, विधानसभा चुनाव के लिए सपा और रालोद ने गठबंधन किया है। अब तक पश्चिम यूपी की 32 सीटों पर रालोद ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं। जबकि 10 सीटों पर सपा के उम्मीदवार हैं। इस गठबंधन ने भाजपा की सियासी गणित बिगाड़ दी है। जाट और मुस्लिम पश्चिम यूपी का बड़ा वोट बैंक है। ऐसे में अगर यह भाजपा से दूर होता है तो फिर पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।
कृषि बिल के कारण जाट नाराज, शाह के पास जिम्मेदारी
दरअसल, जाटों को भाजपा का वोट बैंक माना जाता रहा है। 2014 के चुनाव के समय से ही भाजपा को जाटों का भरपूर समर्थन मिलता रहा है। हालांकि, तीन कृषि कानून के बाद से जाटों की नाराजगी भाजपा सरकार से बढ़ती गई। यही वजह है कि चुनाव से पहले भाजपा नाराज जाटों को मनाने में जुट गई है। इसलिए पार्टी नेतृत्व ने यूपी विधानसभा चुनाव में पश्चिम यूपी का प्रभारी अमित शाह को बनाया है।
भाजपा के लिए जाट क्यों है जरूरी, क्योंकि 75 सीटों पर असर
पश्चिम यूपी के मेरठ मंडल, सहारनपुर मंडल, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली मंडलों की 75 विधानसभा सीटों पर जाट वोट प्रभाव डालता है। वेस्ट यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के रहने वाले चौधरी संजीव बालियान केंद्र में राज्यमंत्री हैं। वहीं बागपत जिले के रहने वाले सत्यपाल सिंह बागपत लोकसभा सीट से सांसद हैं। वहीं, अगर वेस्ट यूपी के 6 मंडल- आगरा, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, सहारनपुर, अलीगढ़ की बात करें तो इनमें कुल 113 सीट हैं। यहां 2017 में 91 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। जबकि 17 पर सपा जीती थी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.