स्तनपान के सामाजिक मिथ बने नवजात के दुश्मन:मेरठ मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर का ब्रेस्टफीडिंग अवेयरनेस वीडियो नेशनल लेवल पर बना पसंद

मेरठ6 महीने पहले
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स्तनपान की जगह नवजात को शहद चटाना, तेल या गुड़ देना। मां के स्तनपान से बच्चे को वंचित रखने की परंपराएं नवजातों के जीवन पर संकट बन रही हैं। देश में आज भी 20 फीसद से अधिक नवजात मिथकों के चक्कर में जीवन के अमृत से वंचित हैं। मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज की डॉ. हरीमु ने स्तनपान के महत्व को एक वीडियो के जरिए लोगों के सामने रखा है। उनके इस वीडियो को देशभर में पसंद किया रहा है। साथ ही पुरस्कृत भी किया गया है। दैनिक भास्कर ने डॉ. हरीमु ने बात कर जाना स्तनपान का नवजातों के जीवन में महत्व..

मां, बच्चा दोनों के लिए जरुरी स्तनपान

डॉ. हरीमु के बनाए वीडियो का एक दृश्य जिसमें ग्रामीण परिवेश में किस तरह मिथ बन रहे बच्चों के दुश्मन उसे दिखाया है
डॉ. हरीमु के बनाए वीडियो का एक दृश्य जिसमें ग्रामीण परिवेश में किस तरह मिथ बन रहे बच्चों के दुश्मन उसे दिखाया है

डॉ. हरीमु ने बताया कि मां और बच्चा दोनों के लिए स्तनपान जरूरी है। स्तनपान, वजन कम करने में सहायक होता है। महिला जब नवजात को स्तनपान कराते ही तो उसके शरीर से लगभग 500 कैलोरी तक खर्च होती है। जो उसे प्राकृतिक रूप से वजन कम करने में सहायक होती है। इतना ही नहीं स्तनपान से मां में स्तन और गर्भाशय के कैंसर का खतरा कम होता है। स्तनपान माँ और शिशु के बीच भावनात्मक रिश्ते को बढ़ाता और मजबूत करता है। स्तनपान से बच्चे में रोगप्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। बच्चे का शरीर विकसित होता है। मां का पहला दूध बच्चे के लिए अमृत होता है जो उसे तमाम रोगों से बचाकर एंटीबॉडीज बनाता है।

डॉ. हरीमु से दैनिक भास्कर ने की बातचीत
डॉ. हरीमु से दैनिक भास्कर ने की बातचीत

नवजात शिशु के लिए मां का पहला पीला गाढ़ा दूध जरूरी
जो महिलाएं बच्चे को दूध नहीं पिलाती वो बच्चे से जीवन छीन रही हैं। मां का पहला पीला गाढ़ा दूध कोलेस्ट्रेम शिशु का पूरा आहार होता है। जिसे बच्चे के जन्म के तुरंत बाद 1 घंटे के भीतर ही शुरू कर देना चाहिए। सामान्यता बच्चे को 6 महीने की अवस्था तक स्तनपान कराना चाहिए।शिशु को 6 महीने की अवस्था और 2 वर्ष अथवा उससे अधिक समय तक स्तनपान कराने के साथ-साथ पौष्टिक पूरक आहार भी देना चाहिए। मां के शरीर में दूध पैदा होना एक नैसर्गिक प्रक्रिया है। जब तक बच्चा दूध पीता है, तब तक मां के शरीर में दूध पैदा होता है एवं बच्चे के दूध पीना छोड़ने के पश्चात कुछ समय बाद अपने आप ही स्तन से दूध बनना बंद हो जाता है।

अब जानें हरीमु का ब्रेस्टफीडिंग अवेयरनेस वीडियो

डॉ. हरिमु के बनाए वीडियो का एक दृश्य
डॉ. हरिमु के बनाए वीडियो का एक दृश्य

विश्व स्तनपान सप्ताह 2022 के तहत इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेटिव एंड सोशल मेडिसन की तरफ से एक यूट्यूब शॉर्ट वीडियो कांटेस्ट का आयोजन किया गया। इसमें देशभर के 20 से अधिक मेडिकल कॉलेजों के 100 स्टूडेंट्स ने इसमें भाग लिया। इसमें मेरठ के एलएलआरएम की हरीमु भार्गयारी ने भी 1.20 सेकेंड का वीडियो बनाकर भेजा। डॉ. हरीमु के वीडियो को कांटेस्ट में राष्ट्र स्तर पर दूसरा स्थान मिला है। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता, कम्युनिटी मेडिसन हेड डॉ. तनबीर बानु और डॉ. सीमा जैन ने इसके लिए उन्हें बधाई दी।

वीडियो में बताए स्तनपान के फायदे
हरीमु ने अपने शॉर्ट वीडियो में ग्रामीण परिवेश में किस तरह नवजात को मां के दूध से वंचित रखा जाता है। यह दिखाया है। जिसके कारण बच्चों को जीवन में तमाम परेशानियों, बीमारियों का सामना करना पड़ता है। एमडी डॉ. हरीमु ने अलग-अलग किरदारों को खुद प्ले करते हुए यह वीडियो कंप्लीट किया और भेजा। इस प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज दिल्ली की टीम को मिला। दूसरा स्थान हरीमु और सांत्वना पुरस्कार भावनगर गुजरात मेडिकल कॉलेज व अलीगढ़ मुस्लिम विवि की टीम ने जीता।

विश्व जनसंख्या दिवस पर जीता पुरस्कार
विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर हुए नुक्कड़ नाटक कांटेस्ट में प्रो. डॉ. सीमा जैन के निर्देशन में पुरस्कार जीत चुकी हैं। इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव सोशल मेडिसन की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर यह नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता हुई थी। उसमें भी पुरस्कार जीत चुकी हैं।