मेरठ। पिछले दिनों विद्युत कर्मियों की 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल से प्रदेश में हलचल मच गई थी। उर्जा मंत्री से वार्ता होने के बाद समिति के सदस्यों ने समय से पहले हड़ताल खत्म कर दी थी। लेकिन सरकार के आदेश पर हड़ताल कर रहे कर्मचारियों पर मुकदमें दर्ज हुए थे। उन्हीं मुकदमों को वापस लेने के लिए कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा।
उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष राकेश त्यागी ने बताया कि राज्य/निगम/निकाय कर्मचारी संयुक्त मंच, उत्तर प्रदेश शाखा मेरठ के नेतृत्व में बिजली कर्मियों के उत्पीड़न के विरोध में प्रदेश में 18 लाख राज्य कर्मचारी सड़कों पर उतरे हैं। यदि बिजली कर्मियों पर दर्ज मुकदमें वापस नहीं लिए गए तो कर्मचारी प्रांत व्यापी आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। इसके अलावा समिति का ऊर्जा मंत्री से मांगों पर समझौता हुआ था। जिसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। इन्हीं मांगों को लेकर एक ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारियों को दिया गया हैं। यदि दोबारा अनदेखी की गई तो जिम्मेदार सरकार होगी।
आंदोलन में बड़ी संख्या में कर्मचारी रहे शामिल
संयुक्त मंच के पदाधिकारियों में जनपद सचिव केके भारती, मंडल सचिव बृजेश कुमार वशिष्ठ, प्रांतीय प्रचार सचिव रामेंद्र शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कृष्ण गोपाल शर्मा, राजेश कुमार सिंह, अनुपम त्यागी, एसपी सिंह, नासिर अराफात, सुभाष धारिया आदि मौजूद रहे।
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