मेरठ में 12 अगस्त को लिसाड़ीगेट इलाके में हुई सानिया की हत्या मामले में पुलिस ने खुलासा किया है। एसपी सिटी विनीत भटनागर ने कहा कि17 अगस्त को CO के CUG नंबर पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले युवक ने बताया कि जिस लड़की का शव मिला था, वह सानिया है, सानिया का प्रेम प्रसंग चल रहा था। सानिया अपने प्रेमी के साथ फरार भी हुई थी। युवक ने बताया कि सानिया की हत्या उसके पिता ने की है।
SOG के साथ पहुंचे सीओ, पिता टहलता मिला
जैसे ही सीओ अरविंद चौरसिया एसओजी के साथ सादा कपड़ों में शालीमार गार्डन में पहुंचे। यहां पुलिस ने जांच पड़ताल कर युवती के पिता शाहिद को हिरासत में ले लिया। शाहिद को पुलिस उसके घर लेकर पहुंची, घर में सब कुछ सन्नाटा था। शाहिद के 14 साल के बेटे से पुलिस ने पूछा की आपकी बहन सानिया कहां है?
बेटे ने कहा उसे अब्बू और अम्मी ने रिश्तेदारी में भेज दी है, बड़ी बहन अस्पताल में भर्ती है। पुलिस शाहिद के साथ उसके 14 साल के बेटे को भी हिरासत में लेकर एसओजी ऑफिस पहुंची। फोरेंसिक टीम बुलाकर घर की जांच कराई तो उस कमरे में साक्ष्य मिले, जिस कमरे में पिता ने बेटी सानिया का सिर काटकर मार डाला था। जांच में सामने आया कि सानिया का छोटा भाई 11 अगस्त की रात को सोया हुआ था, उसकी कोई भूमिका नहीं थी।पुलिस ने सानिया के पिता शाहिद और मां शहनाज को गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने हत्या करना कबूल किया है। इसके बाद 14 साल के बेटे को पुलिस ने घर भेज दिया।
मां ने पैर पकड़े, बाप ने छुरा चलाया
शाहिद ने पुलिस को बताया,'मैं कुरैशी बिरादरी से हूं। मेरी दो बेटी हैं, बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है, वह भी मायके में आई हुई थी। दूसरी बेटी सानिया सात महीने पहले सैफी बिरादरी के वसीम के साथ चली गई थी। कई बार समझाया, उसी के साथ शादी की जिद पर अड़ी थी। 11 अगस्त की रात को भी घर से भागने की तैयारी में थी, तभी रात के 3 बजे को कमरे में बंद कर लिया। इस बीच सानिया की मां शहनाज भी आ गई।
बाप ने बेटी को को पहले कई थप्पड़ मारे, उसके बाद सिर फर्श में देकर मारा। इतने में युवती बेहोश हो गई। जिसके बाद मां छुरा लाई। मां ने सानिया के पैर पकड़ लिए, वहीं बाप शाहिद ने सिर अलग कर दिया। साईकिल पर कपड़े में लाश रखकर बाप एक किमी दूर लक्खीपुरा में फेंक आया। जबकि सिर को माधवपुरम नाले में फेंका। पुलिस ने बृहस्पतिवार को सिर भी नाले से बरामद कर लिया। पुलिस हिरासत में बाप ने कहा की बेटी की वजह से मेरी बदनामी हुई, उसे मारकर मुझे सुकून मिला।"
एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने मामले में बताया कि इस मामले में सर्विलांस टीम, और क्राइम ब्रांच को भी लगाया था। 72 घंटे तक शिनाख्त नहीं हुई तो पुलिस ने लावारिस में पोस्टमार्टम कराया था। जहां डीएनए सैंपल सुरक्षित रख लिए गये थे। युवती के शव की शिनाख्त के लिए जब CCTV कैमरों और सर्विलांस से मदद नहीं मिली तो सीओ की मुखबिरी से शव की शिनाख्त हो सकी। इसके बाद पुलिस इस मर्डर केस की तह तक पहुंची।
पहले क्राइम सीन जानिए…
12 अगस्त की सुबह लिसाड़ीेगेट थाना क्षेत्र में लक्खीपुरा में बीच सड़क पर एक लाश कपड़े में मिली। आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद इंस्पेक्टर लिसाड़ीगेट और सीओ कोतवाली अरविंद चौरसिया मौके पर पहुंचे। महिला पुलिस को बुलाते हुए फोरेंसिक एक्सपर्ट भी बुलाए।
यह शव एक युवती का था। युवती ने ब्लैक कलर की सलवार और ब्लू छींट के कलर का टॉप पहना हुआ था। युवती का सिर नहीं था। खून के निशान भी कुछ घंटे पहले थे। शव की शिनाख्त नहीं होने पर पुलिस ने मेडिकल कॉलेज स्थित मोर्चरी पर शव रखवा दिया। 72 घंटे पूरे होने पर 15 अगस्त की शाम पुलिस ने लावारिस में शव का पोसटमार्टम कराया। जिसके बाद शव को कब्रिस्तान में दफनाया गया। पहचान के लिए डीएनए सैंपल सुरक्षित रखे गए।
एक कॉल ने कराई शव की पहचान
इस मामले में लिसाड़ीगेट इंस्पेक्टर उत्तम सिंह राठौर को दूसरे थाने कंकरखेड़ा का इंस्पेक्टर बना दिया गया। शव की पहचान के लिए 2014 बैच के डीएसपी अरविंद चौरसिया को जिम्मेदारी दी गई। बतौर सीओ कोतवाली रहते अरविंद चौरसिया ने सभी आस-पास के 3 किमी क्षेत्र में CCTV कैमरे और सर्विलांस की मदद ली, लेकिन पहचान नहीं हुई।
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