लखनऊ में मंगलवार को पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट के गिरने के मामले में सपा सरकार में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री सपा विधायक शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश और भतीजे तारिक को जिम्मेदार माना जा रहा है। पुलिस ने देर रात मेरठ से मंत्री के बेटे नवाजिश को हिरासत में लेकर लखनऊ ले गई है।
जो इमारत ढही है वो नवाजिश के नाम बताई जा रही है। इमारत में शाहिद मंजूर के 2 फ्लैट और नीचे ऑफिस भी था। राजनीति और प्रॉपर्टी के काम के चलते पहले भी नवाजिश सुर्खियों में रहा है। अवैध निर्माण और जमीन कब्जाने के मामले में पहले भी नवाजिश का नाम सामने आ चुका है।
कब-कब सुर्खियों में रहे मंत्री और बेटा नवाजिश
राजनीति में मंजूर खानदान की तीसरी पीढ़ी
समाजवादी पार्टी में शाहिद मंजूर कद्दावर नेता माने जाते हैं। मुलायम सिंह यादव के करीबियों में उनकी गिनती हमेशा रही है। मेरठ, किठौर का ये मंजूर परिवार राजनीति में बड़े रसूख का घराना है। शाहिद मंजूर के पिता मंजूर अहमद किठौर विधानसभा से विधायक रहे। 1967 में मंजूर अहमद संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से किठोर पर चुनाव लड़े थे। हालांकि दो साल में ही सरकार गिर गई। 1969 में वो फिर चुनाव लड़े और जीते।
शाहिद मंजूर चौथी बार बने विधायक
शाहिद मंजूर खुद किठौर विधानसभा से सपा की सीट पर चौथी दफा विधायक बने हैं। इससे पहले शाहिद मंजूर 2002, 2007 और 2012 में भी विधायक रह चुके हैं। हालांकि 2017 में वह चुनाव हार गए थे और तब बीजेपी के सत्यवीर त्यागी ने जीत दर्ज कराई थी, लेकिन इस बार सपा और रालोद गठबंधन की वजह से नवाजिश के पिता शाहिद मंजूर फिर से विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे हैं। शाहिद मंजूर 2012 से 2017 के बीच अखिलेश यादव की सरकार में श्रम एवं सेवायोजन विभाग में कैबिनेट मंत्री थे। सपा के ही टिकट पर वह दो बार लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं।
नवाजिश जिला पंचायत सदस्य रहा
शाहिद मंजूर का बेटा नवाजिश जिला पंचायत सदस्य रहा है। नवाजिश तब जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन बाद में वर्तमान में सपा के सरधना से विधायक अतुल प्रधान की पत्नी के पक्ष में आखिरी समय में मतदान कर दिया था।
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