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  • SP Singh's First Posting Was Done In Meerut After Being Recruited, The Investigation Was Done At The Time Of 1987 Riots, Went From Meerut To Lucknow Duty And Got Political Position By Becoming The PSO Of CM

कभी मुलायम के खास थे मोदी के मंत्री बघेल:पहली बार दरोगा बनकर मेरठ तैनात हुए, 1987 दंगों की जांच की थी; लखनऊ गए तो 3 मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी मिल गई

मेरठ2 वर्ष पहले
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में राज्यमंत्री बने एसपी सिंह बघेल कभी उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा हुआ करते थे। 1987 दंगों की जांच में अहम भूमिका निभाई। 3-3 मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी बघेल निभा चुके हैं और यहीं से उनकी दिलचस्पी राजनीति की तरफ बढ़ने लगी। केंद्रीय मंत्री बघेल की पूरी कहानी फिल्मी है। उनकी इस कहानी को उनके दोस्त और बैचमेट रिटायर्ड DSP रतन नौलखा ने 'दैनिक भास्कर' से शेयर की है। पढ़िए कैसे एक दरोगा प्रोफेसर बना और फिर केंद्रीय मंत्री...

बात 1982-83 की है। SP सिंह बघेल समेत कई युवाओं को उत्तर प्रदेश पुलिस में नौकरी मिली थी। उनमें एक मैं भी था। हम दोनों ने पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज मुरादाबाद में सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग ली। 31 दिसंबर 1983 को मुरादाबाद में पासिंग आउट परेड हुई। 16 जनवरी 1984 को बघेल की पहली पोस्टिंग मेरठ में हुई और उसमें भी उन्हें सबसे VIP थाने सिविल लाइन की जिम्मेदारी मिली।

इसके बाद से पुलिस के कॅरियर में हर रोज बघेल का दबदबा बढ़ता ही गया। 1987 के दंगों की जांच की कमान भी बघेल को सौंपी गई। मेरठ से 3 माह की स्पेशल ड्यूटी के लिए जब पुलिस विभाग ने उन्हें लखनऊ भेजा तो वहां मुख्यमंत्री की सुरक्षा में ड्यूटी लगा दी गई। यहीं से उनके राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत हो गई।

लखनऊ में 3 मुख्यमंत्रियों के PSO रहे

ये फोटो 1985 की है जब एसपी बघेल यूपी पुलिस में दरोगा हुआ करते थे।
ये फोटो 1985 की है जब एसपी बघेल यूपी पुलिस में दरोगा हुआ करते थे।

1988 में उनकी 3 माह की ड्यूटी लखनऊ में डयूटी लगाई गई। लखनऊ में कुछ समय LIU यानी लोकल इंटेलीजेंस यूनिट में रहे और उसके बाद उनकी ड्यूटी मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगा दी गई। सबसे पहले वह मुख्यमंत्री एनडी तिवारी की सुरक्षा में रहे। उसके बाद 1988 में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के और फिर 1989 में मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के PSO रहे। जिसके बाद वह मुलायम सिंह के सबसे नजदीकी बन गए। यहीं से उनकी राजनीतिक शुरुआत हुई और सांसद बने। प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री रहने के बाद अब उन्हें केंद्र सरकार में एक नई जिम्मेदारी मिली है।

पत्नी मधु बघेल के साथ एसपी सिंह बघेल
पत्नी मधु बघेल के साथ एसपी सिंह बघेल

मिलिट्री साइंस की पढ़ाई की
SP सिंह बघेल ने मेरठ कॉलेज से डिफेंस में एमए की पढ़ाई की। इसके बाद मेरठ कॉलेज से ही डॉ. सोमनाथ मिश्रा के अंडर में मिलिट्री साइंस में उन्होंने पीएचडी की। पुलिस विभाग से इस्तीफा देने के बाद वह आगरा कॉलेज में प्रोफेसर बन गए। यहां से उनके राजनीतिक सफर को और गति मिल गई। 9 दिसंबर 1989 को उन्होंने मेरठ के सरधना निवासी मधु से अरेंज मैरिज की।

डीएसपी रतन नौलखा के साथ एसपी सिंह बघेल
डीएसपी रतन नौलखा के साथ एसपी सिंह बघेल

साथी पुलिसकर्मियों को दूर से ही पहचाना
साल 2018 में SP सिंह बघेल मेरठ एक कार्यक्रम में आए। जब वह सर्किट हाउस में पहुंचे तो वहां सीओ संजीव देशवाल भी ड्यूटी पर थे। जबकि एलआईयू के DSP रतन नौलखा भी मौजूद रहे। एसपी सिंह बघेल ने अपने बैचमेट इन दोनों ही अधिकारियों को कार्यक्रम में पहचान लिया। और उन्हें नाम लेकर हाथ मिलाने के लिए खुद आगे बढ़े। और कहा कि आप से तो मेरा बहुत पुराना रिश्ता है। संजीव देशवाल व रतन नौलखा एसपी सिंह बघेल के साथ ही भर्ती हुए थे। दोनों ही पुलिस अधिकारी एक साल पहले डीएसपी पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

(जैसा की एसपी सिंह बघेल के बैचमेट रिटायर्ड DSP रतन नौलखा ने 'दैनिक भास्कर' से बताया।)

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