यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में जुमलेबाजी शुरू हो चुकी है। सपा महिला सभा की प्रदेश अध्यक्ष लीलावती कुशवाहा ने मेरठ में कहा कि BJP वाले वोट मांगने आएं। तो बेलन दिखाकर भगा देना। वह SGM GARDEN में महिला कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहीं थी।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि अब महिलाओं को 40 प्रतिशत सीटें देने का वादा करके क्या फायदा? सपा तो पहले ही 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दे चुकी है।
खा गई चीनी, पी गई तेल.. देखो BJP का खेल
लीलावती ने कहा भाजपा ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। आधी आबादी महंगाई से त्रस्त है। महिलाएं अब सड़क पर निकल भाजपा का मुकाबला करें। नारे लगे कि 'खा गई चीनी, पी गई तेल ये देखो सरकार का खेल'। महिलाएं BJP सरकार की जड़े हिला देंगी। BJP ने राशन देने का वादा पूरा नहीं किया। काला धन भी नहीं आया। किसान के खाते में पैसा भी नहीं आया। उन्होंने कहा- UP में सपा 400 सीट जीत रही है।
इज्जतघर हैं, मगर पानी गायब
BJP ने इज्जतघर तो बनवा दिए। मगर पानी देना भूल गई। यूपी में सपा की सरकार बनी तो एक शौचालय के लिए 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। क्या BJP नहीं जानती कि आज इतनी महंगाई में 15 हजार रुपए में निर्माण कार्य कैसे होगा? ईंट भी नहीं आएगी। सपा सरकार 300 यूनिट बिजली फ्री देगी। कन्या विद्याधन 50 हजार रुपए देंगे। बेटियों को पूरी सुरक्षा देंगे।
BJP के वादे, जुमले झूठे
लीलावती ने कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र में सब जुमले झूठे थे। देवी-देवता, गाय-गोबर और मंदिर-मस्जिद के नाम पर ये जनता को बरगलाते हैं। लखीमपुर खीरी में BJP के लोगों ने किसानों पर गाड़ियां चढ़ा दी। इनका दिल नहीं पसीजा। मंदिर, मठ में चले जाओगे। वही सारंगी, घंटा बजाओगे बाबा।
महिला सम्मेलन में पुरुषों ने कब्जाया मंच, हार पहनने की होड़
महिला कार्यकर्ता सम्मेलन में मंच पर सपा के पुरुष कार्यकर्ता ही नजर आए। स्वागत के लिए जब महिला प्रदेशाध्यक्ष को हार पहनाया गया। तो फोटो खींचाने के लिए जिलाध्यक्ष, शहर विधायक और दूसरे नेता घुसते नजर आए। महिलाओं के हाथ से हार पहनने से भी पीछे नहीं हटे। लीलावती को 2-2 बार हार पहनाना पड़ा। दोनों बार पुरुष कार्यकर्ताओं में सामने आने की होड़ दिखी।
वहीं देहात से आई महिलाओं ने आयोजन के बाद हंगामा कर दिया। उन्होंने कहा कि हमें सम्मेलन में 1 किलो राशन और खाना देने को बुलाया था। लेकिन यहां हमारी बात नहीं सुनी गई। नेता अपनी बात कहकर चले गए। न रोटी मिली है न राशन मिला। अपना किराया लगाकर घर का काम छोड़कर आए है।
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