UP के बाढ़ प्रभावित 8 जिलों से रिपोर्ट:उत्तराखंड से आई बाढ़ ने हजारों एकड़ फसल बर्बाद की; घरों में फंसे लोग, पलायन भी

लखनऊ/मेरठ2 वर्ष पहले
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उत्तराखंड में हुई भारी बारिश यूपी में बाढ़ लेकर आई है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले ज्यादा प्रभावित हुए हैं। जिला प्रशासन इन हालात से निपटने की कोशिश कर ही रहा था कि नेपाल से छोड़े गए पानी से दूसरे जिलों में भी आफत आ गई। फिलहाल, 8 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

वेस्ट यूपी के मेरठ, मुजफ्फरनगर और बिजनौर के खादर क्षेत्र और रामपुर, मुरादाबाद, पीलीभीत में बाढ़ के हालात हैं। ​​​​​​घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसे देखते हुए बाराबंकी और गोंडा में अलर्ट जारी किया गया है। ये जिले अभी बाढ़ से उबरे थे, लेकिन यहां फिर से आफत आ गई है।

UP में बाढ़ से बिगड़े हालात, तस्वीरों में देखिए...

मेरठ के प्रभावित गांव मखदूमपुर, हरिपुर, रठौरा कढ़ला, दबखेड़ी, हसापुर, परसापुर, सिरजोपुर, दूधली, भीमकुंड, किशनपुर, लतीफपुर, किशोपुर हैं। इनके अलावा मुजफ्फरनगर जिले के कई गांव और हापुड़ के गढ़ इलाके के गांव भी चपेट में आएंगे।
मेरठ के प्रभावित गांव मखदूमपुर, हरिपुर, रठौरा कढ़ला, दबखेड़ी, हसापुर, परसापुर, सिरजोपुर, दूधली, भीमकुंड, किशनपुर, लतीफपुर, किशोपुर हैं। इनके अलावा मुजफ्फरनगर जिले के कई गांव और हापुड़ के गढ़ इलाके के गांव भी चपेट में आएंगे।
मेरठ में सड़कों पर एक मीटर ऊपर तक पानी पहुंच गया है। लतीफपुर गांव गंगा से करीब 3 किमी की दूरी पर बसा है।
मेरठ में सड़कों पर एक मीटर ऊपर तक पानी पहुंच गया है। लतीफपुर गांव गंगा से करीब 3 किमी की दूरी पर बसा है।
मेरठ में हरिद्वार बैराज से 3.72 लाख क्यूसेक पानी 19 अक्टूबर को छोड़े जाने से हालात बिगड़ गए हैं। 19 अक्टूबर को ही गंगा के किनारे अलर्ट जारी कर दिया गया था।
मेरठ में हरिद्वार बैराज से 3.72 लाख क्यूसेक पानी 19 अक्टूबर को छोड़े जाने से हालात बिगड़ गए हैं। 19 अक्टूबर को ही गंगा के किनारे अलर्ट जारी कर दिया गया था।
रामपुर में हजारों एकड़ खेत डूब गए हैं और सैकड़ों लोगों को सुरक्षित जगह भेजा गया है। वायुसेना, एसएसबी, एसडीआरएफ भी बचाव के काम में जुटी है।
रामपुर में हजारों एकड़ खेत डूब गए हैं और सैकड़ों लोगों को सुरक्षित जगह भेजा गया है। वायुसेना, एसएसबी, एसडीआरएफ भी बचाव के काम में जुटी है।
उत्तराखंड के रामनगर बैराज से छोड़े पानी से रामपुर में कोसी, पीलाखार, धौरी और भाखड़ा नदियां उफान पर हैं।
उत्तराखंड के रामनगर बैराज से छोड़े पानी से रामपुर में कोसी, पीलाखार, धौरी और भाखड़ा नदियां उफान पर हैं।
रामपुर में 150 से ज्यादा गांव चपेट में हैं। इनमें से कई गांव का जिला मुख्यालय से भी संपर्क कट गया है। एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें रेस्क्यू में लगी हैं।
रामपुर में 150 से ज्यादा गांव चपेट में हैं। इनमें से कई गांव का जिला मुख्यालय से भी संपर्क कट गया है। एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें रेस्क्यू में लगी हैं।
लखीमपुर खीरी में लोग नावों का सहारा ले रहे हैं। जहां-तहां फंसे लोगों को मदद का इंतजार है। किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं।
लखीमपुर खीरी में लोग नावों का सहारा ले रहे हैं। जहां-तहां फंसे लोगों को मदद का इंतजार है। किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं।
पीलीभीत में इस तरह से लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ रहा है। यहां जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है।
पीलीभीत में इस तरह से लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ रहा है। यहां जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है।
पीलीभीत शहर के नोवगा पकड़िया, बेनी चौधरी चंदोई जैसे इलाकों में बाढ़ का असर देखने को मिल रहा है।
पीलीभीत शहर के नोवगा पकड़िया, बेनी चौधरी चंदोई जैसे इलाकों में बाढ़ का असर देखने को मिल रहा है।
बाराबंकी में नेपाल के शारदा बनबसा बैराज से सरयू नदी में साढ़े 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसे लेकर नदी तट के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन इसे लेकर अलर्ट हो गया है।
बाराबंकी में नेपाल के शारदा बनबसा बैराज से सरयू नदी में साढ़े 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसे लेकर नदी तट के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन इसे लेकर अलर्ट हो गया है।
बाराबंकी में सरयू नदी करीब 16 किलोमीटर के दायरे में है। इस समय जो हालात हैं यही हालात वर्ष 2013 में बने थे। वर्ष 2016 में एल्गिनब्रिज-चरसड़ी तटबंध कटने से कमियार गांव के 443 परिवार प्रभावित हुए थे। 81 घर विस्थापित किए गए थे।
बाराबंकी में सरयू नदी करीब 16 किलोमीटर के दायरे में है। इस समय जो हालात हैं यही हालात वर्ष 2013 में बने थे। वर्ष 2016 में एल्गिनब्रिज-चरसड़ी तटबंध कटने से कमियार गांव के 443 परिवार प्रभावित हुए थे। 81 घर विस्थापित किए गए थे।
बिजनौर में गंगा और मालन नदी एक हो गई है। गांवों के संपर्क मार्ग कट गए हैं। दबखेड़ी, हरिपुर, शेरपुर नई बस्ती, हंसापुर परसापुर, पटेलनगर, लतीफपुर, रठौरा कला, किशनपुर, भीमकुंड गांवों में पलायन की स्थिति आ गई है। 14 बाढ़ चौकियां अलर्ट पर हैं।
बिजनौर में गंगा और मालन नदी एक हो गई है। गांवों के संपर्क मार्ग कट गए हैं। दबखेड़ी, हरिपुर, शेरपुर नई बस्ती, हंसापुर परसापुर, पटेलनगर, लतीफपुर, रठौरा कला, किशनपुर, भीमकुंड गांवों में पलायन की स्थिति आ गई है। 14 बाढ़ चौकियां अलर्ट पर हैं।
मुरादाबाद में बाढ़ ने कई गांवों की फसलें चौपट कर दी हैं, जबकि कच्चे घर ढह गए हैं। स्योहारा बाजे और बरवारा खास गांव में सबसे ज्यादा हालात खराब हैं। यहां लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। इससे पहले हाईवे तक में पानी भर गया था।
मुरादाबाद में बाढ़ ने कई गांवों की फसलें चौपट कर दी हैं, जबकि कच्चे घर ढह गए हैं। स्योहारा बाजे और बरवारा खास गांव में सबसे ज्यादा हालात खराब हैं। यहां लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। इससे पहले हाईवे तक में पानी भर गया था।
गोंडा में घाघरा का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। बेमौसम हुई बरसात ने आसपास के गांव के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। पानी इनके घरों में घुसने लगा है। बाढ़ आने का खतरा भी है।
गोंडा में घाघरा का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। बेमौसम हुई बरसात ने आसपास के गांव के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। पानी इनके घरों में घुसने लगा है। बाढ़ आने का खतरा भी है।
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