मेरठ में 2 बदमाश कांट्रेक्टर और परिवार को बंधक बनाकर घर में लूटपाट करते हैं। उसके बाद अखबार पढ़ते हुए बड़े ही आराम से भाग निकलते हैं। बदमाशों के जाने के लगभग डेढ़ घंटे बाद बाथरूम में बंद बाप-बेटे किसी तरह दरवाजा तोड़कर बाहर आते हैं।
दरअसल, ये वारदात रेलवे रोड इलाके के मधुबन कॉलोनी की है। अपने ही घर में बदमाशों के कैद में रहे कांट्रेक्टर संदीप उनका बेटा वंश दहशत का वो डेढ़ घंटा जिंदगी भर नहीं भूल सकते। संदीप ने बताया कि बदमाशों ने धमकी दी थी अगर आवाज निकाली तो गोली मार देंगे।
मौत की उस दहशत का पल-पल का किस्सा खुद बाप-बेटे ने दैनिक भास्कर को बताया...
'जैसे ही दरवाजा खोला, धक्का मारकर गिरा दिया'
कांट्रेक्टर संदीप ने बताया कि रोजाना की तरह मैं ड्राइंग रूम में बैठा कुछ काम कर रहा था। सुबह 10 बजे के आसपास का समय था। मेरा 15 साल का बेटा वंश अंदर सो रहा था। पत्नी पूनम महावीर शिक्षा सदन में टीचर हैं, वो 9.30 पर स्कूल चली जाती हैं। तभी मेनगेट खुलने की आवाज आई। मुझे लगा जो आएगा बेल बजाएगा। डोरबेल बजी। मैंने जैसे ही दरवाजा खोला 2 लोग अंदर घुसे, मैं कुछ पूछता उससे पहले उन्होंने मुझे जोर से धक्का मारकर गिरा दिया।
'एक ने पिस्टल तानी दूसरे ने दरवाजा बंद किया'
संदीप बताते हैं कि एक ने तुरंत जेब से पिस्टल निकालकर मुझ पर तान दी। कहा कि चुप रह वरना गोली मार दूंगा। दूसरे आदमी ने फौरन अंदर से दरवाजा लॉक कर दिया। शोर सुनकर मेरा बेटा वंश अंदर बेडरूम से बाहर आ गया। उसे देखकर उन बदमाशों ने उस पर पिस्टल तान दी।
'हमारे हाथ-मुंह पर टेप लगा दिए'
हम दोनों को धमकी दी, अगर शोर किया या कुछ बोले तो जिंदा नहीं बचोगे। यहीं गोली मार देंगे इसलिए चुप रहो। उनकी धमकी सुनकर हम भी चुप हो गए। संदीप कहते हैं मुझे समझ आ गया कि ये बदमाश हैं और गलत इरादे से मेरे घर घुसे हैं। ये हमें मार भी सकते हैं। इसलिए हम लोग खामोश हो गए। उन बदमाशों ने हम दोनों के हाथ टेप से बांध दिए और मुंह पर भी टेप लगा दिया।
'हम किसी से मदद भी नहीं मांग सकते थे'
हमारे हाथ-पैर टेपिंग करके वो बदमाश हम दोनों को बाथरूम में ले गए। वहां टॉयलेट में हमें बंद करके दरवाजा बाहर से लॉक कर दिया। हम दोनों बाप-बेटे वहां बाथरूम में डरकर चुपचाप बैठे रहे। न तो हमारे पास फोन था न ही हम कुछ बोल सकते थे। न शोर कर सकते थे। इसके बाद वो दोनों बदमाश घर में रखा पैसा निकालकर घूमते रहे। बाद में उन्होंने बाहर का दरवाजा खोला और चुपचाप चले गए।
'बाथरूम का दरवाजा तोड़ बाहर निकले'
उनके जाने के बाद भी हम दोनों खौफ में थे कि पता नहीं घर में क्या हो रहा होगा। हम कुछ बोले तो कोई हमें मार न दे। इसलिए हम दोनों बाप-बेटे लगभग एक से डेढ़ घंटा बाथरूम में ही खामोश पड़े रहे। काफी वक्त गुजरने के बाद हम दोनों को लगा कि अब किसी तरह बाहर निकलने की कोशिश करनी चाहिए। हमने किसी तरह एक दूसरे के हाथों को खोला। बाथरूम का दरवाजा लॉक था उसका लॉक तोड़कर हम बाहर निकले।
'पलंग पर केवल पैसों का खाली बैग था'
बाहर आकर हमने पुलिस को बताया। अपनी पत्नी को बताया। ये लोग घर पहुंचे। हमने घर चेक किया तो कहीं कुछ बिगड़ा नहीं था। फिर हम कमरे में गए तो देखा कि सेफ खुली थी। पैसों वाला बैग बाहर पलंग पर पड़ा था। उसमें रखे 40 हजार रुपए गायब थे। फिर सीसीटीवी चेक किया। संदीप कहते हैं वो दोनों आदमी कौन थे? मैं नहीं जानता लेकिन वो सामने आएंगे तो मैं उन्हें पहचान लूंगा।
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