मेरठ में बारिश की वजह से बढ़ी परेशानियां:जुलाई की पहली बारिश ने ही खोली नगर निगम की पोल; नाले उफनाए, सड़कों पर पानी भरने से निकलना भी हुआ मुश्किल

मेरठ2 वर्ष पहले
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उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में जुलाई माह की पहली भारी बारिश ने ही नगर निगम के अफसरों की पोल खोल कर रख दी है। बुधवार सुबह 11 बजे से शरू हुई बारिश शाम 4 बजे तक जारी रही। बारिश से यह हाल रहा कि शहर की सड़कें डूब गईं। मुख्य मार्गों पर पानी भर गया। वहीं पुराने शहर का तो और भी हाल बुरा हाल रहा। नगर निगम के जो दावे थे कि नालों की सफाई हुई है। बारिश ने अफसरों की सच्चाई सामने ला दी है।

नालों की सफाइ न होने की वजह से हुआ जलभराव।
नालों की सफाइ न होने की वजह से हुआ जलभराव।

बुधवार सुबह से ही बारिश शुरू हुई तो यह बारिश आफत बनकर टूटी। कई जगह शहर के अलग-अलग इलाकों में 2 फीट से अधिक पानी भर गया। लिसाढ़ी गेट, कोतवाली, घण्टाघर, देहलीगेट, रेलवे रोड पर सड़कें डूब गईं। मवाना रोड, रक्षापुरम, गढ़ रोड पर भी सड़कों पर पानी भर गया। तेज बारिश से घंटाघर से जिला अस्पताल रोड पर एक फीट से अधिक सड़क पर पानी भर गया।

दिल्ली रोड से रेलवे रोड की तरफ भी यही हाल रहा। यहां भी सड़कें लबालब नजर आई। सिटी स्टेशन की तरफ जाने वाली रोड भी डूब गई। लिसाढ़ी गेट के अधिकांश हिस्सों में पानी भर गया। घण्टाघर से नगर निगम कार्यालय के बाहर भी मुख्य मार्ग जलभराव रहा। दिल्ली रोड पर अलग-अलग स्थानों पर सड़क पर पानी भरा रहा। ट्रांसपोर्ट नगर और बागपत रोड के कई हिस्सों में पानी भर गया। हापुड़ अड्डे से लिसाढ़ी रोड के तरफ से इस तरह पानी भरा कि दो पहिया वाहन भी नहीं निकल सके। अधिकांश कॉलोनियों में पानी भरा रहा। नौचंदी मैदान भी डूब गया।

बारिश के बाद सड़क पर भरा पानी।
बारिश के बाद सड़क पर भरा पानी।

नालों में उफान, कॉलोनी में पानी

बरसात होने पर शहर में मुख्य नालों की सबसे बड़ी समस्या लंबे समय से है। शहर के बीच से गुजरने वाला आबू नाले की सफाई नहीं हुई है। यही हाल लिसाड़ी गेट क्षेत्र हापुड रोड और शास्त्रीनगर के ब्लॉक से निकलने वाले नाले का है। यहां भी सफाई नहीं हुई है। इसके अलावा दिल्ली रोड से सटे नाले पर भी सफाई नहीं हुई।

नगर निगम के अफसरों का कहना है कि अधिकांश नालों की सफाई हो चुकी है। बारिश में शहर की सड़कें डूब गईं, कॉलोनियों में पानी भर गया। कई जगह पर नालों में इस तरीके से उफान हुआ कि पानी कॉलोनी के लेवल तक आ पहुंचा। कॉलोनी का पानी निकलना बंद हो गया।

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