मिर्जापुर के हलिया थाना क्षेत्र के हर्रा के जंगल में 3 सगी बहनों के कंकाल मिले हैं। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। साथ ही लोगों की भीड़ जुट गई। शवों की शिनाख्त बेलगंवा गांव निवासी देवीदास ने अपनी बेटी गोलू (12), मुन्नी (10) और ममता (08) के रूप में की है। पुलिस ने कंकाल डीएनए जांच को भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि तीनों बच्चियां 38 दिनों पहले सौतेली मां के साथ इंदौर गई थी। कंकाल मिलने की सूचना पर वह फरार हो गई।
22 अगस्त को इंदौर से अकेली लौटी
बेलाही गांव के रहने वाले देवीदास अपनी दूसरी पत्नी सीमा, तीन पुत्रों और तीन पुत्रियों के साथ रहते थे। देवीदास ने बताया कि 16 अगस्त को वह किसी काम से घर से निकला था। सीमा उसकी पहली पत्नी की तीनों पुत्रियों गोलू (12) मुनिया (10) और ममता (8) को साथ लेकर निकल गई। काफी खोजबीन के बाद पता न चलने पर उसने पत्नी सीमा को फोन कर पूछा तो उसने बताया कि वह मजदूरी करने इंदौर आई है। इसके बाद रक्षाबंधन पर 22 अगस्त को सीमा अपने मायके बेलगवा सुखड़ा पहुंच गई।
कंकाल मिलते ही फरार हो गई सीमा
लड़कियों को साथ न देखकर उसने पूछा तो सीमा ने बताया कि इंदौर में एक महिला के घर पर छोड़कर आई है। कोई चिंता की बात नहीं है। इसके बाद सीमा यहीं पर रहने लगी। मंगलवार को चरवाहों ने सीमा के भाई रमाकांत को हर्रा जंगल में कंकाल मिलने की सूचना दी। रमाकांत ने जीजा देवीदास को इसकी जानकारी दी।
देवीदास मंगलवार की शाम जंगल में गया तो उसे छाता और कंकाल मिले। कपड़ों से उसने पुत्रियों की शिनाख्त की। छाता लेकर वह पत्नी सीमा के पास गया तो वह साथ नहीं आई। इसके बाद मौका देखकर वह भाग गई। सूचना मिलने पर पुलिस ने कंकाल कब्जे में ले लिए।
डीएनए के लिए भेजे गए कंकाल
लालगंज के सीओ उमाशंकर सिंह ने बताया कि फॉरेंसिंक टीम के साथ जांच पड़ताल की गई। तीनों कंकाल पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए गए हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारण की पुष्टि होगी। एडिशनल एसपी संजय कुमार ने बताया कि तीनों बहनों के कंकाल जंगल में एक ही स्थान पर कुछ दूरी के अंतराल पर मिले हैं, जिनको डीएनए टेस्ट के लिए भेज दिया गया है। सौतेली मां की भी तलाश की जा रही है।
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