मुरादाबाद की कैनरा बैंक शाखा से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां कई लोगों ने नकली सोना गिरवीं रखकर बैंक से गोल्ड लोन स्कीम में करोड़ों रुपये का लोन ले लिया। मामला तब खुला जब बैंक ने गिरवीं रखे सोने की क्रास जांच कराई। दरअसल बैंक का पैनलिस्ट ज्वैलर्स इस पूरे खेल में शामिल था। लोन मंजूर करने से पहले बैंक सोने की शुद्धता की जांच बैंक के अनुमोदित स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता रवि शर्मा से कराता था। जो सोना जांच में नकली मिला है, उसे भी पैनलिस्ट ने 22 कैरेट गोल्ड करार दिया था।
पैनलिस्ट की रिपोर्ट के आधार पर ही बैंक ने ये ऋण जारी किया था। बैंक के मैनेजर महेंद्र सिंह की ओर से इस मामले में सिविल लाइंस थाने में पैनलिस्ट रवि शर्मा और नकली सोना गिरवीं रखकर लोन लेने वाले दो खाता धारकों विनय कुमार और सिमरन शर्मा के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है। बैंक मैनेजर ने पुलिस को बताया कि पैनलिस्ट रवि शर्मा जितना भी गोल्ड जांचा गया था, उस सभी की जांच कराई जा रही है। अभी नकली सोना देकर लोन लेने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
ऐसे पकड़ में आया मामला
कैनरा बैंक की सिविल लाइंस शाखा के मैनेजर महेंद्र सिंह ने सिविल लाइंस थाने में दर्ज कराई FIR में कहा है कि बैंक स्वर्ण ऋण योजना के अंतर्गत सोना जमा करके लोन देता है। सोना बंधक रखने से पूर्व उसकी शुद्दता की जांच बैंक द्वारा अनुमोदित स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता से कराई जाती है। बैंक समय -समय पर बंधक बनाए गए सोने की शुद्धता की आकस्मिक जांच बैंक द्वारा अनुमोदित दूसरे स्वर्णकर्ता से कराता है। ताकि इसे क्रॉस चेक किया जा सके।
मैनेजर ने कहा है कि, 23 नवंबर को जब बंधक बनाए सोने की क्रास जांच कराई गई तो पता चला कि पूर्व में मूल्यांकनकर्ता रोहित शर्मा पुूत्र पंकज शर्मा निवासी उदयनगर कालोनी पावर हाउस स्टेशन बिलारी द्वारा जांचा गया सोना व गहने असली नहीं थे। अभी तक की जांच में सिमरन शर्मा निवासी मोहल्ला बाजार स्टेशन बिलारी और विनय कुमार निवासी रुस्तमनगर सहसपुर बिलारी द्वारा जमा किया गया सोना नकली मिला है।
खुलासे से बैंक में हड़कंप मचा
नकली सोने की एवज में बैंक से लोन जारी होने का माला खुला तो बैंक अफसरों के होश उड़ गए। तुरंत इसकी सूचना बैंक के उच्चाधिकारियों को दी गई। जिसके बाद मैनेजर ने सिविल लाइंस थाने में घटना की FIR दर्ज कराई। बैंक में बंधक रखे गए पूरे सोने की शुद्दता की बैंक फिर से जांच करा रहा है। खास तौर पर उस गोल्ड की शुद्धता जांची जा रही है जिसकी शुद्धता पूर्व में पैनलिस्ट ज्वैलर रवि शर्मा ने ओके करार दी है।
पत्नी और भाई-बहन के नाम से भी निकाला लोन
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में रवि शर्मा ने कबूल किया है कि उसने नकली सोने की एवज में लोन लेने के लिए अपनी पत्नी, बहन-बहनोई और दूसरे रिश्तेदारों के नाम से भी बैंक खाता खुलवाया था। बाद में नकली सोना जमा करके लोन निकाला। अभी तक नकली सोना देकर वो करीब एक करोड़ रुपए का लोन निकाल चुका है।
ये बातें उसके बैंक खाते की ट्रांजेक्शन से भी साबित हो रही हैं। जिन भी लोगों ने कैनरा बैंक में नकली सोना गिरवी रखकर लोन लिया, उनके खातों से रकम बाद में रवि शर्मा के खाते में ट्रांसफर हो जाती थी। इसके बाद वो उसे निकालकर दूसरे खातों में डालता था। पुलिस पूरे मामले की गहराई से छानबीन कर रही है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस पूरे खेल में 10 कैरेट तक गोल्ड के जेवर बैंक में गिरवीं रखे गए। लोन लेने के लिए जो गहने रखे जाते थे उनमें सोने का कुछ अंश जरूर होता था। लेकिन पैनलिस्ट ज्वैलर्स इसी गोल्ड को 18, 20 और 22 कैरेट गोल्ड बताकर लोगों का लोन पास करा देता था।
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