मुरादाबाद की देहात विधानसभा सीट से हाजी नासिर कुरैशी ही सपा के उम्मीदवार होंगे। देहात सीट से समाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायक हाजी इकराम कुरैशी अपना टिकट होल्ड होने का अभी तक दावा कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उनकी सीट से नासिर कुरैशी ने शुक्रवार को पर्चा भी दाखिल कर दिया। पर्चा खरीदने कलेक्ट्रेट पहुंचे नासिर कुरैशी के साथ सपा के जिलाध्यक्ष डीपी यादव भी मौजूद थे।
सपा ने मुरादाबाद जिले में अपने 2 सिटिंग विधायकों के टिकट काटे हैं। मुरादाबाद देहात सीट से विधायक हाजी इकराम कुरैशी का टिकट कटा है। जबकि कुंदरकी सीट से मौजूदा विधायक हाजी रिजवान को भी टिकट की लिस्ट से आउट कर दिया गया है। हाजी रिजवान बगावत का ऐलान कर चुके हैं। जबकि हाजी इकराम का दावा था कि उनकी सीट पर पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। बल्कि उनकी सीट को फिलहाल होल्ड पर रखा गया है।
जल्दबाजी में पहुंचे नासिर ने दाखिल किया पर्चा
टिकट पाने के लिए हाजी इकराम कुरैशी ने पूरी ताकत झोंक रखी है। वह लखनऊ में अखिलेश यादव की चौखट पर डेरा डाले बैठे हैं। ऐसे में नासिर कुरैशी ने अपना नामांकन कराने में जरा भी देरी नहीं की। दोपहर करीब 12 बजे नासिर कुरैशी ने सपा जिलाध्यक्ष डीपी यादव के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर पर्चा खरीदा। इसके 2:30 घंटे बाद वह अपने अधिवक्ताओं के साथ नामांकन पत्र दाखिल करने भी पहुंच गए। हालांकि नामांकन दाखिल करते समय उनके साथ पार्टी का कोई नेता नहीं था। नासिर और उनके अधिवक्ता ही कोर्ट रूम में पहुंचे थे।
कहीं पर्चा कटने का डर तो नहीं ?
हाजी नासिर कुरैशी को समाजवादी पार्टी ने इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनावों में भी मुरादाबाद से पार्टी प्रत्याशी घोषित किया था। लेकिन उनका टिकट काटकर बाद में डॉ. एसटी हसन को दे दिया गया था। आजम खां के दखल के बाद अखिलेश यादव को मुरादाबाद सीट पर टिकट बदलना पड़ा था। तब नासिर की नामांकन कराने की हसरत धरी रह गई थी। इस बार नासिर ने सिंबल मिलते ही नामांकन कराने में जरा भी देरी नहीं की। गुरुवार रात को सिंबल लेकर वह लखनऊ से मुरादाबाद पहुंचे। सुबह पर्चा खरीदा और ढाई घंटे बाद ही नामिनेशन दाखिल भी कर दिया। जिस तेजी से पर्चा भरकर दाखिल किया गया है उससे जाहिर है कि नासिर को डर था कि पार्टी आलाकमान उनके साथ 2019 वाली कहानी न दोहरा दे।
पर्चा दाखिल होने का नहीं था कोई कार्यक्रम
प्रमुख दलों के प्रत्याशी आम तौर पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के हिसाब से ही पर्चे दाखिल करते रहे हैं। पार्टी के स्थानीय नेता बाकायदा इसके लिए प्रेस ब्रीफ भी जारी करते हैं। आम तौर पर प्रत्याशियों की ओर से भी वक्त मुहुर्त आदि का ख्याल रखा जाता है। लेकिन सपा प्रत्याशी हाजी नासिर कुरैशी को शायद सिंबल वापसी का डर था। इसी वजह से उन्होंने नामांकन कराने में जरा भी देरी नहीं की। यहां कि सपा के स्थानीय नेता दोपहर तक कहते रहे कि शुक्रवार को उनके किसी प्रत्याशी का नामांकन नहीं होगा।
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