योगी आदित्यनाथ से मुकाबले के लिए सियासत की पगडंडी पर हिचकोले खा रहे भाई-बहन में इकरा-र नामा हुआ है। विधायक नाहिद हसन की गिरफ्तारी के बाद छोटी बहन इकरा चौधरी ने भी निर्दलीय ही पर्चा भर दिया। इसी सियासी इकरारनामे को खत्म करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को कैराना आ रहे हैं।
राजनीति के चतुर सुजान रहे स्व. चौधरी मुनव्वर हसन और स्व. बाबु हुकुम सिंह के वारिसों में कैराना सीट के लिए जंग छिड़ी है। नाहिद के जेल जाने के बाद इकरा चौधरी ने प्रचार की कमान संभाली थी, लेकिन वह अब चुनाव मैदान में भी कूद पड़ी हैं।
कैराना पर फिर लोगों की निगाह
पश्चिमी यूपी की राजनीतिक चाश्नी में बार-बार उबाल लाने वाले कैराना पर फिर लोगों की निगाह गड़ गई है। नामांकन पत्र जमा कराने के बाद सपा विधायक नाहिद हसन को 14 जनवरी को गैंगस्टर एक्ट के तहत एक पुराने मुकदमे में गिरफ्तार कर लिया गया था। नाहिद के जेल जाने के बाद बहन इकरा चौधरी चुनाव प्रचार की कमान संभाल रही थीं। हालांकि, निर्दलीय पर्चा भरने के बाद यह सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है कि किसी गड़बड़ के होने पर वह मैदान में डटी रहेंगी।
हांलाकि, नाहिद के जेल जाने के बाद इकरा अकेली नहीं हैं। उनकी मां तबस्सुम मुनव्वर दो बार सांसद रह चुकी हैं। ऐसे में उन्हें उनकी सियासी सरपरस्ती जरूर मिलती रहेगी। इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में लंदन से एमएससी कर चुकी इकरा के लिए कैराना सीट का चुनाव अब किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं।
नाहिद की गिरफ्तारी ने चटख किया चुनावी सियासत का रंग
2021 में गैंगस्टर में नामजदगी के बाद सात दिन पूर्व विधायक नाहिद हसन को गिरफ्तार किया गया। नाहिद ने गिरफ्तारी के समय सीएम योगी आदित्यनाथ पर कड़ी टिप्पणी की। इससे साबित होता है कि कैराना की सियासी जंग में सामने से प्यादे, लेकिन पीछे से वजीर और बादशाह भी डटे हैं।
नाहिद की छोटी बहन प्रचार के दौरान जगह-जगह इन बातों को दोहरा भी रही है। हालांकि, सपा ने नाहिद का टिकट बरकरार रखा है, लेकिन पर्चा खारिज होने का डर फिर भी है।
कैराना से क्या राजनीतिक संदेश देना चाहेंगे शाह
डेढ़ माह पूर्व सहारनपुर में विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने आए अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ ने कैराना के पलायन का जिक्र किया था। भाजपा पलायन के मुद्दे को राजनीतिक तौर से अपने लिए काफी मुफीद मानकर पश्चिम में उछालती रही है।
हो सकता है गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को कैराना दौरे के दौरान इस मुद्दे को फिर से हवा देकर नाहिद की गिरफ्तारी को जायज ठहराने का प्रयास करें। उनके लहजे की रफ्तार तय करेगी कि भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह का अगला सियासी पड़ाव कहां होगा।
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