मुजफ्फरनगर में प्रेस कांफ्रेंस कर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने कहा,' कुछ लोग पर सरकार का दबाव था, इसलिए वे अलग हो गए। उन पर कार्रवाई का डर बनाया गया। सभी ने किसानों के हक में अच्छा काम किया। लेकिन, कुछ लोग मजबूरी वश भाकियू छोड़कर चले गए। अलग संगठन बना लिया। 18 मई को भाकियू कार्यकारिणी की करनाल में बैठक होगी। उसमें संगठन की मजबूती पर विचार किया जाएगा। जो लोग अलग हुए उनकी सूची 2 दिन में जारी कर दी जाएगी।
सरकुलर रोड स्थित अपने निवास पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यह खबर चल रही है कि भारतीय किसान यूनियन का एक गुट अलग हुआ है। यह बिल्कुल ठीक बात है। कुछ लोग उनके साथ रहते थे। उनको छोटे-छोटे गांव से निकाल कर लाए। उनको ओहदो पर बैठाया गया। 30-35 साल तक उन्होंने काम किया। कुछ विचार धाराओं में भिन्नता होने के चलते वे संगठन छोड़ कर गए। उन्होंने अपना अलग संगठन बनाया है।
राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त मोर्चा में भी 550 से अधिक किसान संगठन शामिल हैं। जो भी संगठन छोड़ कर गया उसने अपना संगठन बनाया है। जो लोग भारतीय किसान यूनियन छोड़कर गए हैं उनका इस संगठन से अब कोई मतलब नहीं है।
भाकियू पूरी तरह से अराजनैतिक
राकेश टिकैत ने कहा कि भाकियू का रजिस्ट्रेशन भारतीय किसान यूनियन के नाम से है। वह अराजनीतिक है और चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी आदमी भारतीय किसान यूनियन नहीं लिख सकता, यदि किसी को जाना है तो वह भारतीय किसान यूनियन के साथ कुछ ना कुछ अलग लिखेगा। उन्होंने कहा कि जिसे जाना है वह जा सकता है।
कुछ लोग छोड़कर जा रहे हैं, क्या नाराजगी है? नहीं नहीं मालूम। 13 महीने जिन्होंने बिल का विरोध किया, संयुक्त मोर्चा की मीटिंग में जाते रहे वहां भंडारा चलाते रहे। आज वही बिल को अच्छा बता रहे हैं। राकेश टिकैत ने विवाद के कारण की जानकारी होने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि वे लोग किसी के दबाव में संगठन छोड़ कर गए है, उन्हें ऐसा लगता है।
भाकियू ने नहीं की किसी भी राजनीतिक दल की मदद
चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन ने किसी भी राजनीतिक दल की मदद नहीं की। कार्यकर्ताओं का कद घटाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हुआ है। सभी ने मेहनत की। कहा कि उन्होंने किसी राजनीतिक दल की मदद नहीं की। वे लोग अराजनीतिक हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि उनका चुनाव में टिकट से कोई मतलब नहीं रहा। उन्होंने किसी के लिए टिकट नहीं मांगा।
आज तक बहुत संगठन बन चुके हैं, जिनकी विचारधारा के साथ सहमति नहीं बनी। वे लोग छोड़ कर चले गए। खाप के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले में वह तटस्थ हैं। खापों के बीच प्रतियोगिता हो तो काम का माहौल बने। अलग हुए गुट पर कहा कि अगर वे लोग भी आंदोलन में शामिल हो जाएंगे तो बेहतर रहेगा।
भाकियू अध्यक्ष को हटाने का अधिकार उन्हें नहीं
चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि अलग हुए लोगों को भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत को हटाने का अधिकार नहीं है। कहा कि उन्होंने अपना संगठन बनाया है। उन्हें भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी को हटाने का कोई हक है ही नहीं। नरेश टिकैत को संगठन से बाहर निकालने के सवाल पर उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर कोई बहू कड़ियों में सांप बताने लगे तो उसका कुछ नहीं किया जा सकता। साथ काम करने के सवाल कहा कि यदि ऐसा हो जाए तो बहुत अच्छा रहेगा। कंपटीशन में अच्छा काम होता है।
बीकेयू ने अलग हुए पदाधिकारियों किया बर्खास्त
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव चौ. युद्धवीर सिंह ने भाकियू से अलग होकर नई भातीयय किसान यूनियन अराजनीतिक बनाने वाले पदाधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने बताया कि संगठन के विरुद्ध गलत नीतियों के चलते कुछ पदाधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इनमें बीकेयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान, राष्ट्रीय महासचिव अनिल तालान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरिनाम वर्मा, यूपी-एनसीआर अध्यक्ष मांगेराम त्यागी, मंडल अध्यक्ष मुरादाबाद बीकूयू दिगंबर सिंह, मीडीया प्रभारी धर्मेन्द्र मलिक व प्रदेश उपाध्यक्ष बीकेयू राजबीर सिंह शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिनके नाम जारी किये गए हैं वे सभी संगठन के विरुद्ध भ्रामक प्रचार व गलत नीतियों में सम्मिलित पाए गए। इन सभी को संगठन से तत्काल रूप से बर्खास्त किया जाता है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.