एसआईटी लखनऊ ने एक मामले की जांच करते हुए बस चालक पर धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई है। चालक ने अबिमित बस से एक बालिका का एक्सीडेंट कर उसके स्थान पर कार दर्शा दी। एसआईटी लखनऊ ने बस चालक पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराते हुए दोषपूर्ण विवेचना करने पर विवेचक के विरुद्ध भी कार्रवाई के लिए लिखा है।
मुजफ्फरनगर में एक्सीडेंट क्लेम से बचने के लिए बड़ी धोखाधड़ी की गई है। बीमा कंपनी की याचिका पर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद एसआईटी ने की जांच में मुजफ्फरनगर के मामले को खोल दिया है। इसमें पुलिस से मिलीभगत कर एक्सीडेंट करने वाली अबीमित गाड़ी के स्थान पर कार दर्शा दी गई थी।
1 जनवरी को हुई थी घटना
1 जनवरी 2015 को खतौली में जावेद पुत्र हनीफ की बारात आई थी। उस दौरान 6 वर्षीय बालिका मिस्बाह पुत्री इसरार निवासी चित्तौड़ा भी शादी में शामिल होने के लिए गई हुई थी। आरोप था कि मिस्बाह खतौली में खड़ी थी। तभी इमरान निवासी कस्बा खतौली ने लापरवाही से चलाते हुए मिस्बाह पर बस पर चढ़ा दी थी। SIT लखनऊ के सब इंस्पेक्टर चेतराज ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि इमरान ने घटना के मुकदमे की विवेचना कर रहे सब इंस्पेक्टर सुंदर सिंह से मिलीभगत कर एक्सीडेंट करने वाली अबिमित बस के स्थान पर कार को दर्शा दिया था।
जांच में घटना स्थल भी बदला मिला
जांच में घटनास्थल भी बदल दिया गया था। बीमा कंपनी की गुहार पर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद एसआईटी ने जांच की तो मामला खुला। इसके बाद शहर कोतवाली में एसआईटी के सब इंस्पेक्टर चेतराज ने बस चालक इमरान के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमे की जांच एसआईटी लखनऊ को सौंपी गई है। एसआईटी ने मामले की जांच कर एक्सीडेंट की दोषपूर्ण विवेचना करने के मामले में खतौली थाने के तत्कालीन दारोगा सुंदर सिंह के विरुद्ध कार्रवाई के लिए एसएसपी को लिखा है।
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