मुजफ्फरनगर मैं एडीजे-7 शक्ति सिंह ने 12 वर्ष पूर्व हुए दिलनवाज हत्याकांड के दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई। हत्यारे पर कोर्ट ने 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। दिलनवाज हत्याकांड में कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर मंगलवार को एक आरोपी को दोषी ठहराया था। जबकि 4 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। बुधवार को कोर्ट ने सजा पर सुनवाई की।
अभियोजन के अनुसार शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला खालापार कस्साबान में 29 दिसंबर 2011 को एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वादी के अधिवक्ता आफताब कैसर ने बताया कि खालापार निवासी दिलशाद उर्फ हाजी शेर ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि 29 दिसंबर 2011 को उसका बेटा दिलनवाज घर पर मौजूद था और कुछ लोगों ने उसे बुलाकर गोली मार दी थी। जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी।
8 लोगों पर दर्ज हुआ था केस
पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था। पुलिस के अनुसार हत्याकांड की विवेचना की गई जिसमें आसिफ चिकना, दानिश याहिया, जफर, आदिल, नदीम और एक अन्य दानिश के नाम प्रकाश में आए थे। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने बताया कि दानिश और शोएब बाल अपचारी घोषित हुए थे। जिनकी फाइल अलग कर मामला जुवेनाइल कोर्ट में सुनवाई के लिए भेज दिया गया था। जबकि आदिल की 2013 में मेरठ में सड़क हादसे के दौरान मौत हो गई थी।
4 आरोपी हुए बरी, एक दोषी सजा
वादी के अधिवक्ता आफताब कैसर ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई एडीजे शक्ति सिंह की कोर्ट में हुई थी। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मंगलवार को कोर्ट ने हत्यारोपी आसिफ, दानिश, जफर व नदीम को दोष मुक्त करार दिया था। जबकि याहिया को हत्या का दोषी करार दिया था। एडवोकेट आफताब क़ैसर ने बताया कि कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के बाद हत्यारा ठहराए गए याहिया को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोषी पर 30 हजार का जुर्माना भी लगाया। बचाव पक्ष की ओर से एडवोकेट हसीन हैदर ने पैरवी की।
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