कानपुर में स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन के पीडियाट्रिक ट्रायल में सबसे कम उम्र की दो साल पांच महीने की बच्ची को बुधवार वैक्सीन लगाई गई। बुधवार को ट्रायल में 2-6 साल आयु वर्ग के 10 बच्चों का वैक्सीनेशन किया गया। ट्रायल के सबसे छोटे आयु वर्ग के वॉलिंटियर में 5 लड़कियां और 5 लड़के शामिल किए गए।
सबसे कम उम्र की बच्ची को लगा कोरोना वैक्सीन
पूरे देश में अब तक का पहला कोरोना वैक्सीन का टीका ढाई साल की दक्षिका को बुधवार को लगा। यह टीका कानपुर के प्रखर अस्पताल में लगा। इससे पहले जितने भी बच्चों को यह वैक्सीन के लगी है वह सब 3 साल या उससे बड़े थे। कानपुर देहात के रसूलाबाद के रहने वाले दक्षिका के पिता विजय गुप्ता ने बताया, हमको शुरुआत में थोड़ा डर लगा की इतनी चोटी बच्ची को वैक्सीन लगवाने के बाद कोई दिक्कत न हो। लेकिन दूसरी लहर में मैंने कई अपनों को खो दिया है, इसी वजह से मैंने सबसे पहले अपनी बिटिया को यह टीका लगवाया।
सेफ्टी प्रोफाइल की गई थी चेक
ट्रायल के चीफ इन्वेस्टीगेटर पूर्व डीजीएमई डॉ. वीएन त्रिपाठी ने बताया कि 2-6 साल आयु वर्ग के 10 बच्चों को वैक्सीन लगाई गई। जिन्हें वैक्सीन लगी है उनका सेफ्टी प्रोफाइल चेक एक हफ्ते पहले किया गया था। प्रदेश में कोवैक्सीन कोरोना वैक्सीन का ट्रायल आर्यनगर स्थित प्रखर अस्पताल में चल रहा है। इसमें तीन आयु वर्ग के बच्चों को शामिल किया गया। सबसे बड़ा आयु वर्ग 12 से 18 साल, उस छोटा आयु वर्ग 6 साल से 12 साल और सबसे छोटा आयु वर्ग 2 से 6 साल के बच्चों का है। अभी 6 से 12 और 12 से 18 साल आयु वर्ग के 39 वॉलिंटियर को वैक्सीन की .5 एमएल की पहली डोज दी जा चुकी है।
दूसरी डोज भी लग चुकी है
12 से 18 साल वर्ग के 15 बच्चों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज भी बुधवार को लगाई गई। इन सभी बच्चों को पहला डोज 30 दिन पहले लगी थी। इनमें से किसी को भी किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई थी। ट्रायल के चीफ इन्वेस्टीगेटर डॉ. वीएन त्रिपाठी ने बताया अभी और भी कई बच्चों को ट्रायल के तहत टीका लगना बाकी है। दूसरी डोज वाले बच्चे भी अभी बचे हैं। सबसे कम उम्र की बच्ची की उम्र दो साल पांच महीने है। इस आयु वर्ग का ट्रायल अभी चलेगा। इसमें दो साल के बच्चे भी शामिल होंगे। अगली स्क्रीनिंग में दो साल का बच्चा रहेगा। सबसे कम उम्र की जिस बच्ची को ट्रायल के तहत वैक्सीन लगाई गई है। वह कानपुर देहात के एक युवा नेता की बेटी है।
वैक्सीनेशन से पहले सैंपल लेकर की गई आरटीपीसीआर जांच
जिन बच्चों को ट्रायल में शामिल किया गया, उनकी आरटीपीसीआर जांच कराई गई जो निगेटिव आई। वैक्सीन लगाने के पहले उनका ब्लड सैंपल लिया। इसे जांच के लिए आईसीएमआर दिल्ली भेजा गया है। जिन्हें वैक्सीन लगाई गई है, उनका एक सप्ताह का सेफ्टी प्रोफाइल तैयार किया जाएगा। इसके बाद अगले बच्चों को टीका लगेगा।
लखनऊ से भी डॉक्टर अपने बच्चों को लेकर आया
बुधवार को कानपुर में ट्रायल में लखनऊ के डॉक्टर पंकज उपाध्याय अपने बच्चों के साथ कई वॉलिंटियर को भी साथ लेकर आए थे। उन्होने बताया, तीसरी लहर से पहले हम लोगों को अपने बच्चों को वैक्सीन लगवानी बहुत ज़रूरी है। तीसरी वेव बच्चों के लिए ज्यादा घातक हो सकती है।
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