योगी आदित्यनाथ 5 जून को 50 साल के हो जाएंगे। अगले चार दिन हम उन्हीं से जुड़ी कहानियां लाएंगे। आज की कहानी मार्च 2017 की है। योगी सीएम बने तो विदेशी मीडिया ने उन्हें हिन्दू उग्रवादी तक लिख दिया। बीजेपी समर्थक विरोध में उतरे तो विदेशी पत्रकार बैकफुट आ गए। 2022 में जब दोबारा सीएम बने तो विदेशी मीडिया के सुर बदल गए थे।
राजनीति के किरदार और किस्से सीरीज की 21वीं कहानी में हम पहले 2017 के विदेशी मीडिया कवरेज की बात करेंगे फिर 2022 की।
न्यूयार्क टाइम्स ने योगी के लिए हिन्दू उग्रवादी लिख दिया
11 मार्च 2017, बीजेपी ने यूपी की 403 विधानसभा सीटों में रिकॉर्ड 325 पर जीत दर्ज की। अगले 6 दिन तक मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पार्टी के अंदर मंथन चलता रहा। 17 मार्च को ऐलान हुआ कि योगी आदित्यनाथ यूपी के नए मुख्यमंत्री होंगे। 19 मार्च को योगी ने शपथ ले ली। इसके बाद विदेशी मीडिया योगी ने योगी के पुराने भाषणों और बयानों को आधार बनाकर रिपोर्ट छापनी शुरू कर दी।
न्यूयार्क टाइम्स के एलेन बेरी ने एक आर्टिकल में लिखा, "आदित्यनाथ खुले तौर पर कह चुके हैं कि भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए और अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर बना देना चाहिए।" इसी आर्टिकल में उन्होंने शेखर गुप्ता के हवाले से लिखा, "मोदी द्वारा की गई यह नियुक्ति दर्शाती है कि नेहरूवियन सोशलिज्म को नकार कर मुस्लिमों को पूरी तरह से हाशिए पर धकेल दिया गया है।"
एलेन बेरी ने 12 जुलाई 2017 को इस आर्टिकल को ट्विटर पर शेयर किया और कैप्शन दिया, "हिन्दू मंदिर के उग्रवादी मुखिया की भारत की सियासत में तरक्की।" उग्रवादी शब्द से हंगामा मच गया। बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं ने एलेन को निशाने पर ले लिया। जमकर बुरा-भला कहा। आखिर में ऐलन ने अपनी सफाई में लिखा, हमने आक्रमक व प्रभावशाली अर्थ में उग्रवादी शब्द का प्रयोग किया था।
अगले दिन इसी रिपोर्ट की हेडिंग को बदलकर लिखा गया था, "फायरब्रांड हिन्दू धर्मगुरू की भारत की सियासत में तरक्की।"
गार्जियन ने योगी के ऊपर लगे मुकदमों का जिक्र किया
ब्रिटेन के द गार्जियन ने लिखा, पवित्र गंगा नदी और ताजमहल वाले प्रदेश में नरेंद्र मोदी ने जिस योगी आदित्यनाथ को बतौर नेता चुना है वह उनकी ही तरह हिन्दू राष्ट्रवादी हैं। आदित्यनाथ एक हिन्दू पुजारी हैं। पांच बार सांसद बनने के बावजूद लोकतांत्रिक मर्यादाओं के प्रति अपमानजनक तेवर दिखाया है। उनपर हत्या के प्रयास, दंगे कराने के आरोप हैं।
वशिंगटन पोस्ट ने लिखा, योगी के समर्थक मुस्लिमों के देश छोड़ने का नारा लगाते हैं
अमेरिका के वशिंगटन पोस्ट में स्वाति गुप्ता और एनी गॉवेन ने लिखा, आदित्यनाथ के समर्थक अक्सर हिन्दुत्व का नारा लगाते हैं और मांग करते हैं कि मुस्लिमों को देश छोड़ देना चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने डोनाल्ड ट्रंप के उस फैसले की प्रशंसा की थी जिसमें ट्रंप ने 7 मुस्लिम बहुसंख्यक देशों के लोगों की अमेरिका यात्रा पर रोक लगाई थी।
द न्यूज ने लिखा, योगी को पद मिलने से हिन्दुत्व शर्मिंदा
पाकिस्तान के द न्यूज में इम्तियाज आलम ने लिखा, 'योगी को सत्ता मिलने से पूरे भारत में अचंभा हुआ है। हिन्दुत्व के पक्षधर भी शर्मिंदा हैं। योगी के पास हिन्दू युवा वाहिनी नाम का अतिवादी संगठन है। पूर्वी यूपी में सांप्रदायिक संघर्ष और गंभीर हो सकता है। इससे मुसलमान दूसरी दिखा में जाने को विवश होंगे'।
किसी ने योगी के सांसद कार्यकाल को मुद्दा नहीं बनाया
योगी आदित्यनाथ की जिंदगी पर 'योगीनामा' नाम की किताब लिखने वाले शांतनु गुप्ता लिखते हैं, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीबीसी, न्यूयार्क टाइम्स और वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकारों ने सस्ते समाचार-पत्रों का अनुवाद करके एकदम लकी रिपोर्टिंग की। उनमें से किसी ने भी सांसद के रूप में योगी के रिकॉर्ड, उनके उठाए सवाल, चुनाव क्षेत्र में उनके व्यवहार को बताया ही नहीं।'
2022 में यूपी में दोबारा बीजेपी जीती और योगी सीएम बने। इसबार विदेशी मीडिया के सुर बदले हुए थे। आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या लिखा।
न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा, योगी अब मोदी के संभावित उत्तराधिकारी बनेंगे
2022 में बीजेपी ने 273 सीटें जीतकर फिर से सरकार बना ली। 2017 के मुकाबले 52 सीट कम मिली लेकिन सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं हुई। योगी दोबारा सीएम बने। तब न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा, "इस जीत से योगी आदित्यनाथ और मजबूत होंगे। उन्हें मोदी का संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा है। यह जीत इसलिए भी अहम है क्योंकि लोगों की आर्थिक मुश्किलें कम नहीं हुई हैं।"
वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा, "इस जीत से मोदी बहुत मजबूत होंगे। वो सेक्यूलर स्टेट के बजाय हिन्दू कंट्री के विजन को तवज्जो दे पाएंगे। 403 में 250 से ज्यादी सीटें जीतने का मतलब है कि वहां एक ताकतवर सरकार बनेगी। मोदी की लोकप्रियता न सिर्फ बरकरार है बल्कि बढ़ी ही है।"
पाकिस्तान के द डॉन ने लिखा, "इसमें कोई दो राय नहीं कि यह नतीजे 2024 में होने वाले लोकसभा इलेक्शन की झलक और नतीजों का अंदाजा देते हैं। बीजेपी हिन्दू राष्ट्रवादियों की पार्टी है और इसने 403 में से आधे से अधिक सीटें जीती हैं।" पाकिस्तान के ही एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने भी ठीक यही बात दोहराई है।
योगी आदित्यनाथ को लेकर न सिर्फ विदेशी मीडिया के विचार बदले बल्कि देश के बड़े पत्रकारों ने भी अपना नजरिया बदल लिया।
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