14 अप्रैल 2022…भैरव की जिंदगी की वह तारीख, जिसे वह एक पल के लिए भी भूल नहीं पाते। रात में नींद आती भी है तो उन्हें अपनी बेटियों की वो चीखें याद आ जाती हैं, जब वो खुद को बचाने के लिए 'पापा-पापा' चिल्लाई थीं। लेकिन वो कुछ नहीं कर पाए। भैरव उस पल को याद कर सिहर जाते हैं, जब ढाबे में 3 पुलिसवालों ने उनकी 15 साल की बेटी सरिता और 14 साल की कुसुम से रेप किया। घरवाले बच्चियों को बचाने दौड़े तो उनके आगे रिवाल्वर तान दी गई। मां रो-रोकर बेसुध हो गई, लेकिन आरोपी नहीं पसीजे।
घटना के 241 दिन बाद बेटियों के इलाज और कानूनी लड़ाई में भैरव के 8 लाख रुपए खर्च हो गए। जमीन बेचनी पड़ी, रिश्तेदारों से उधार लिया। स्थानीय नेताओं की मदद से परिवार का बोझ कुछ कम तो हुआ। लेकिन दर्द आज भी वैसा का वैसा है। उधर, केस में हाईकोर्ट के आदेश के बाद 21 अगस्त को FIR दर्ज की गई। हरदोई पुलिस ने 22 दिन पहले कोर्ट को बताया कि 2 आरोपी सिपाही (मनोज सिंह और प्रियांशु) गिरफ्तार हुए हैं। आरोपी सब-इंस्पेक्टर संजय सिंह अभी भी फरार है।
दैनिक भास्कर की टीम पीड़ित परिवार से मिलने हरदोई पहुंची। घरवाले आज भी इतने सहमे हैं कि कैमरे के आगे बात करने को तैयार नहीं। उन्हें भरोसे में लिया तब परिवार के लोग ऑफ-कैमरा बात करने को तैयार हुए। आइए पूरी बात जानते हैं, लेकिन पहले यह बता दें कि इस खबर में सभी पीड़ितों के नाम बदले हुए हैं।
शुरुआत 14 अप्रैल की घटना से करते हैं...
शराब नहीं दी तो घसीटकर ढाबे के पीछे ले गए
भैरव अपने घर से 1 किलोमीटर दूर लखनऊ-शाहजहांपुर रोड पर ढाबा चलाते थे। 14 अप्रैल को वह ढाबे पर नहीं थे। वहीं पास में कहीं गए थे। उस दिन उनकी पत्नी और दोनों बेटियां थी। शाम का वक्त था। परिवार ने बताया कि ढाबे पर 3 पुलिसवाले सब-इंस्पेक्टर संजय सिंह, मनोज और प्रियांशु आए। उसमें से एक ने दोनों बहनों को बुलाया। कहा, “शराब पीनी है गिलास लेकर आओ।” लड़की ने कहा, “शराब नहीं यहां खाना मिलता है। खाने का ऑर्डर दीजिए।”
लड़कियों के जवाब से पुलिसवाले गुस्से से लाल हो गए। वो खड़े हुए और दोनों लड़कियों को पीटना शुरू कर दिया। पास खड़ी मां गीता देवी दोनों बेटियों को बचाने के लिए दौड़ी, तो संजय सिंह ने रिवाल्वर निकाल ली। प्रियांशु और मनोज ने दोनों लड़कियों को पकड़ा और घसीटते हुए ढाबे के पीछे ले गए। लड़कियों की चीखें सुन भैरव भी आ गए। लेकिन पुलिसवाले भागे नहीं। तीनों ने बहनों से रेप किया। (लखनऊ हाईकोर्ट में वादी मां की याचिका में ये आरोप लगाए हैं।)
लड़कियों के कपड़े धूल से सने हुए थे
भैरव उस घटना को याद करते हुए बताते हैं, "पुलिसवाले बेटियों को ढाबे के पीछे ले गए। बच्चियों के चिल्लाने पर उनको पीटा, गलत काम किया। फिर तीनों गाड़ी में बैठकर वहां से चले गए।" भैरव और उनकी पत्नी भागते हुए बच्चियों के पास पहुंचे। उनके शरीर पर खरोच और कपड़े पर धूल-मिट्टी और खून के निशान थे। छोटी लड़की कुसुम को गहरी चोट आई थी। बच्चियों की हालत देख परिवार घबरा गया था। घटना में शामिल लोग स्थानीय पुलिसवाले ही थे। इसलिए भैरव के परिवार ने शिकायत करने से पहले बेटियों का इलाज करवाना सही समझा।
दो-दो प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाया- कुसुम ठीक नहीं हुई
हमसे बात करते हुए भैरव लगातार सड़क पर आ रही गाड़ियों को देखते रहते। बीच-बीच में चुप हो जाते। उसे डर था कि कहीं पुलिसवाले न आ जाएं। दरअसल, घटना के बाद भैरव और उसके परिवार को जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। भैरव ने बताया, "घटना के बाद मैंने दोनों बच्चियों को हरदोई से लेकर शाहजहांपुर तक प्राइवेट अस्पतालों में दिखाया। सरिता तो अब ठीक है, लेकिन कुसुम अभी भी बीमार रहती है। उसका इलाज कराने में खेत तक बेच दिया। लेकिन वो ठीक नहीं हो पाई।"
पुलिस का मैटर था-ढाबे के मालिक ने निकाल दिया
भैरव के मुताबिक, घटना के बाद उसका परिवार पूरी तरह से टूट गया। जिस किराए की जमीन पर वो ढाबा चलाते थे। उसके मालिक ने भी उसे वहां से निकाल दिया। पुलिस का मैटर होने की वजह से गांववाले भी इसपर ज्यादा नहीं बोलते थे। किसी तरह उसने अपने रिश्तेदारों और स्थानीय दलित नेताओं की मदद लेकर घर चलाया।
भैरव ने अक्टूबर में लखीमपुर खीरी जिले में किराए पर एक छोटा होटल लिया है। अब उसी से उसके परिवार की रोजी-रोटी चल रही है। लेकिन यहां भी वह पूरे दिन नहीं रहता। उसने खाने बनाने के लिए एक लड़का रखा है। वही होटल की रखवाली करता है। यहीं से मिलने वाले पैसे से वो बच्चियों के इलाज में लगाते हैं।
हम चाहते थे कि भैरव से घटना से जुड़े और केस में पुलिस के रवैए को लेकर और बात की जाए। उन्होंने मनाकर दिया। भैरव कहते हैं, "हम इससे ज्यादा आपको नहीं बता सकते। आपके जो भी सवाल हैं, वो हमारे वकील के सामने पूछ लीजिएगा।"
न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाऊंगी
सरिता और कुसुम की मां गीता देवी इंसाफ के लिए लड़ रही हैं। लोकल पुलिस और कचहरी के अनगिनत चक्कर लगाने के बाद कोई रास्ता नहीं दिखा, तब गीता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अलाव तापती गीता बताती हैं, "मैंने लखनऊ हाईकोर्ट में केस लड़ा तब जाकर 2 पुलिसवालों को गिरफ्तार किया गया। मैं चाहती हूं कि फरार चल रहे एक आरोपी को भी जल्द से जल्द पकड़ा जाए। इसके लिए अगर सुप्रीम कोर्ट भी जाना पड़े, तो मैं जाऊंगी।”
(नोट: पहचान छिपाने के लिए पीड़िताओं और उसके परिजनों का नाम और चेहरा बदल दिया गया है।)
यहां तक हमने पीड़ित परिवार का पक्ष जाना। अब पुलिस की जांच पर चलते हैं। लेकिन पहले यूपी में रेप मामलों से जुड़ा ये ग्राफिक देखिए...
पुलिस ने घटना के 4 महीने 7 दिन पर लिखी FIR
हरदोई के जहानीखेड़ा चौकी से जुड़े इस मामले में 3 पुलिसवालों में सिपाही मनोज सिंह और प्रियांशु गिरफ्तार हैं। तीसरा आरोपी सब-इंस्पेक्टर संजय सिंह अभी भी फरार है। रेप पीड़िताओं की मां की ओर से लखनऊ हाईकोर्ट में दी गई याचिका में बताया गया कि घटना के 4 महीने तक जिले के थानों पर पीड़ित परिवार की शिकायत नहीं लिखी गई। फिर, परिवार मामले को हाईकोर्ट तक ले गया। कोर्ट के आदेश के बाद 21 अगस्त 2022 को हरदोई पुलिस ने FIR तो दर्ज की, लेकिन POCSO की धारा नहीं लगाई। 8 महीने बीत जाने के बावजूद तीनों पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी भी नहीं हुई।
15 नवंबर... याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरदोई जिले के SP और CO को फटकार लगाई। साथ ही SP राजेश द्विवेदी को पीड़िता के मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान की अहमियत समझाई। कोर्ट ने कहा आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए।
18 नवंबर... फिर एक बार याचिका की सुनवाई के दौरान बताया गया कि दो अभियुक्त पुलिसवालों की गिरफ्तारी कर ली गई है।
आरोपी सब-इंस्पेक्टर ने नहीं किया सरेंडर
जहानीखेड़ा रेप मामले में हरदोई SP के पीआरओ ने बताया, "आरोपी सब-इंस्पेक्टर संजय सिंह ने सरेंडर नहीं किया है। उसका दूसरे जिलें में ट्रांसफर हो गया था, वहां पर उसे सस्पेंड कर दिया गया। वो अभी तक फरार चल रहा है।"
अब तक इस केस में क्या-क्या हुआ ये इस ग्राफिक से समझिए।
फिलहाल...
पहलाः पीड़िताओं से रेप के 4 महीने 7 दिन बाद क्यों FIR लिखी गई?
दूसराः 21 अगस्त को FIR दर्ज की गई, POCSO एक्ट क्यों नहीं लगाया गया?
तीसराः अरोपी सब-इंस्पेक्टर क्यों सरेंडर नहीं कर रहा है?
आखिर में साल 2022 में पुलिस वालों पर लगे रेप के 5 बड़े मामलों को जान लेते हैं...
3 मई 2022: ललितपुर जिले में सामूहिक गैंगरेप की शिकायत करने पहुंची एक नाबालिग से थाने में रेप किया गया। 13 साल की पीड़िता ने थाने के SHO पर गैंगरेप का आरोप लगाया। इसके बाद SHO तिलकधारी सरोज को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में थानाध्यक्ष समेत 6 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई।
16 जुलाई 2022: सुल्तानपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात एक महिला सिपाही ने अमेठी जिले में तैनात पुलिस निरीक्षक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। सुल्तानपुर नगर कोतवाली थाने में सिपाही की तहरीर पर निरीक्षक के खिलाफ FIR दर्ज की गई। वहीं, पुलिस निरीक्षक ने महिला सिपाही पर अपने दिए गए रुपए मांगने पर पेशबंदी में ये मामला दर्ज कराने का आरोप लगाया।
28 अगस्त 2022: शाहपुर पुलिस ने संतकबीरनगर के रहने वाले सिपाही राहुल कुमार के खिलाफ रेप का केस दर्ज किया। इसी आरोप में सिपाही को देवरिया में तैनाती के दौरान निलंबित किया गया था। शाहपुर थाने में दर्ज केस के मुताबिक, सिपाही राहुल कुमार ने 4 साल पहले शाहपुर थाना क्षेत्र रहने वाली युवती से दोस्ती की और मंदिर में शादी रचा ली थी। इस बीच युवती गर्भवती हो गई।
28 अगस्त 2022: कुशीनगर के कप्तानगंज की रहने वाली एक युवती ने चौरीचौरा थाने पर तैनात दरोगा विनय कुमार के खिलाफ SSP से शिकायत की। युवती ने आरोप लगाया कि दरोगा विनय कुमार ने कप्तानगंज थाना में तैनाती के दौरान खुद को अविवाहित बताते हुए उसे प्रेम जाल में फंसाया। इसके बाद 5 साल तक उसका शारीरिक शोषण करता रहा।
30 अगस्त 2022: कन्नौज जिले के सदर कोतवाली में बेटी के लिए इंसाफ मांगने आई एक महिला के साथ एक चौकी इंचार्ज ने रेप किया। आरोपी अनूप मौर्य ने हाजी शरीफ चौकी में पहले जांच के बहाने बुलाया और फिर महिला से रेप किया। मामला संज्ञान में आने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
रेप मामलों से जुड़ी हमारी ये खबरें भी पढ़िए...
6 महीने तक लड़की ने छुपाई रेप की बात:पेट बढ़ा तो पिता ने गर्दन पर गड़ासा रखकर पूछा, बोली-पड़ोसी लड़के ने किया दुष्कर्म
15 साल की लड़की। पेट बढ़ता जा रहा था। मां ने कहा, "तुम्हारा पेट इतना भारी कैसे हो रहा? लड़की ने कहा, "आजकल ज्यादा खा रही हूं।" पड़ोसी महिला को शक हुआ, उसने कपड़ा हटाकर देखा और छुआ तो चौक गई। क्योंकि लड़की गर्भवती थी। इसके बाद हंगामा हो गया। लड़की बताने को तैयार नहीं कि ये सब कैसे हुआ। पढ़िए पूरी खबर...
11 साल की बच्ची का गैंगरेप हुआ, मां बन गई:अब घर से बाहर नहीं निकलती; कहती है- वो मुझे और बच्चे को मार डालेंगे
नीचे लगी फोटो गुड़िया की है। वह उन्नाव जिले की रहने वाली है। उम्र 11 साल है। अब एक बच्चे की मां है। क्यों? क्योंकि 13 फरवरी को उसके पड़ोस के 5 लड़कों ने उसके साथ गैंगरेप किया। वो कब्रिस्तान में तड़पते-तड़पते बेहोश हो गई। होश आया तो शरीर हर जगह से नुचा-कुटा और खून से लथपथ था। लड़खड़ाती हुई घर पहुंची। घटना के 8 महीने बीत गए। अब गुड़िया की गोद में 22 दिन का बच्चा है। पढ़िए पूरी खबर...
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.