पहला ओमिक्रॉन केस 24 नवंबर 2021 को साउथ अफ्रीका में मिला था। बीजेपी तभी समझ गई थी कि यूपी में क्या करना है। पार्टी ने दो काम किए। पहला- 10 जनवरी को चुनावी पाबंदी से पहले ही मोदी-शाह-योगी ने 68% सीटों पर रैलियां कर ली थीं। दूसरा- 10 जनवरी तक यूपी में डिजिटल प्रचार के लिए 11,150 लोगों की टीम खड़ी कर दी।
चुनाव घोषणा के बाद अखिलेश को अकल आई। तब आयोग के पास गए कि हमको डिजिटल प्रचार के लिए पैसे दो। बीजेपी से कैसे लड़ें? फिर भी बीते 10 दिन की एनालिसिस कहती है कि अखिलेश कम नहीं हैं। लेकिन बसपा और कांग्रेस की हालत खराब है। आइए डिजिटल दुनिया में यूपी के चुनाव को देखते हैं-
डिजिटल वॉर रूम के फाउंडर और सोशल मीडिया एक्सपर्ट निखिल श्रीवास्तव कहते हैं कि इस वक्त यूपी में बीजेपी डिजिटल वर्ल्ड में सबसे आगे है। इसके पीछे ठोस वजह है। दूसरे कामों की तरह पार्टी पूरे पांच साल इस दिशा में भी काम करती है।
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